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नहर विभाग में 12 करोड़ का घोटाला, चार अधिकारियों सहित फंसे 6 जेई, एफआईआर दर्ज

न्यायालय के आदेश पर चार अधिकारियों, 6 जूनियर इंजीनियर सहित 11 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।

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आगरा

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Dhirendra yadav

Aug 03, 2018

scandal

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आगरा। नहरों की सफाई के नाम पर हुए 12 करोड़ के घोटाले में आगरा के नहर विभाग के अधिकारी पूरी तरह फंस गए हैं। न्यायालय के आदेश पर चार अधिकारियों, 6 जूनियर इंजीनियर सहित 11 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। थाना सदर में एफआईआर दर्ज होने के बाद नहर विभाग में अफरातफरी का माहौल है। पत्रिका ने इस घोटाले की खबर प्रकाशित की थी।

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इनके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता स्वदेश कुमार जैन, अधिशासी अभियंता एमएस कसाना, एसडीओ एनके त्रिपाठी, एसडीओ जोगेन्द्र पाल के अलावा जूनियर इंजीनियर ओमकार, यशवीर सिंह, फकीर चंद, बृज किशोर, विजय कुमार, कमलेन्द्र पुंडीर के साथ 11 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के आदेश हुए हैं। इन 11 अज्ञात लोगों में विभाग के कर्मचारी और ठेकेदार भी शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ धारा क्राइम नंबर 900, 109, 120 बी, 166, 167, 217, 409, 420, 430, 466, 467, 468, 471, 477 ए, 506 सहित कुल 14 धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने यह रिपोर्ट दर्ज कराई है। जब विभागीय अधिकारियों ने कुछ नहीं किया तो उन्होंने न्यायालय का सहारा लिया।


ये था मामला
नहर विभाग में नहरों की सफाई के नाम पर 12 करोड़ का घोटाला हुआ था। 6 दिन में अधिकारियों ने आगरा की 610 किलोमीटर लंबाई की नहरों की सफाई करा दी। ये मामला उद्यान सचिव के सामने उठा, जिसके बाद इस मामले जांच कमेटी गठित हुई। 12 करोड़ का बजट नहरों की सफाई के लिए आया था, जिससे किसानों को टेल तक पानी मिल सके। ये बजट वर्ष 2017-18 में आया था। 28 अक्टूबर 2017 को नहरों की सफाई के लिए टेंडर निकाला गया। टेंडर था आगरा जनपद की 610 किमी नहर की सफाई का। इस टेंडर के निकले के बाद महज छह दिन, यानि 5 नवंबर को नहरों में पानी आ गया। यानि नहरों की सफाई के लिए आया पूरा बजट खर्च हो गया।

किसान नेता ने खोला बड़ा घोटाला
नहर विभाग द्वारा किए गए इस घोटाले को लेकर भारतीय किसान यूनियन के पूर्व जिलाध्यक्ष श्याम सिंह चाहर ने पहल की। इस मामले में उनके द्वारा भूख हड़ताल की गई, प्रदर्शन किये गए, जिसके बाद किसान नेता ने अधिवक्ता अजय चाहर के माध्यम से नहर विभाग के इस घोटाले को न्यायालय के समक्ष रखा। न्यायालय ने इस मामले में भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। आज प्रेसवार्ता में श्याम सिंह चाहर द्वारा इस मामले की निशुल्क पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं का आभार प्रकट किया।