
Coronavirus रोकथाम में रोड़ा बने तो इस सेक्शन के तहत होगी FIR, 123 साल पुराना है एक्ट
आगरा। ताजनगरी में कोराना की कोरोना की दहशत है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम को केस हिस्ट्री, ट्रेसिंग और सेंपलिंग में काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। हैरानी की बात है कि लोगों द्वारा इसे काम में सहयोग अपेक्षाकृत कम किया जा रहा है। जिलाधिकारी और स्वास्थ्य विभाग की बैठक में भी यह मुद्दा उठा। इसीके बाद जिलाधिकारी आगरा ने कैंट इलाके की कोरोना संदिग्ध महिला और उसके पिता के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग की टीम को परिजनों द्वारा गुमराह किया गया था। काफी मशक्कत और उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद महिला को आइसोलेशन वार्ड ले जाया जा सका।
धारा 188 के तहत एफआईआर
इसी मामले में जिलाधिकारी ने महिला औरे उसके पिता के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी पीएन सिंह का कहना है कि महामारी रोकथाम संबंधी आदेश का पालन नहीं करना अपराध है। वायरस संक्रमित या संदिग्ध मरीज की सूचना छिपाने, जांच नहीं कराने, स्वास्थ्य विभाग की टीम का सहयोग नहीं करने जैसी स्थिति में महामारी (एपीडेमिक) एक्ट के सेक्शन-2 व 3 में आईपीसी की धारा 188 के तहत एफआईआर होगी।
123 साल पुराना है एक्ट
बता दें कि महामारी (एपीडेमिक) एक्ट 123 साल पूर्व से प्रभावी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO द्वारा coronavirus को महामारी घोषित करने के बाद 11 मार्च से देश में केन्द्र सरकार ने 123 साल पुराने महामारी एक्ट को कोरोनावायरस प्रभावित राज्यों में लागू कर दिया है।
Published on:
15 Mar 2020 05:42 pm
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