आगरा

‘पता नहीं ये मुझे मार न डाले…और दोस्त ने ले ली जान’, मां से छात्र की आखिरी कॉल

यूपी के आगरा में बारहवीं के छात्र की बेरहमी से हत्या कर दी गई। दोस्त उसे सस्ता सोना दिलाने का लालच देकर अपने साथ ले गया था। छात्र का शव हाथरस से बरामद हुआ है। आरोपी दोस्त शिवम यादव ने जुर्म कबूल किया है। एक अन्य दोस्त डॉली को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है।

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Jul 02, 2025
आगरा में सस्ता सोना दिलाने का लालच देकर दोस्त ने 12वीं के छात्र को मार डाला।

आगरा के थाना हरी पर्वत क्षेत्र की सुल्तानगंज की पुलिया निवासी कुनाल प्रजापति पुत्र देवेंद्र कुमार 12वीं का छात्र था। पढ़ाई के साथ चुस्की की ठेल भी लगाता था। 27 जून की सुबह साढ़े 11 बजे वह लापता हो गया। परिजनों के आरोप पर पुलिस ने पैसई गांव निवासी दोस्त शिवम यादव को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने कुएं से बरामद किया शव

शिवम ‌की निशानदेही पर पुलिस ने सहपऊ क्षेत्र के गांव नगला महासुख और नगला बेनी के बीच एक खेत के कुएं से शव बरामद कर लिया। पूछताछ में शिवम ने बताया कि सिर में ईंट से हमला कर कुनाल के हत्या की थी। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि सस्ता सोना दिलाने के लिए शिवम ने कुनाल से रुपये लिए थे। शिवम ने जब सोना नहीं दिया तो उसने रुपये लौटाने को कहा। इसके बाद सोना दिलाने के बहाने शिवम, कुनाल बुलाकर ले गया और हत्या कर दी।

कॉल पर मां से आखिरी बात

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कुनाल की बहन तृप्ति ने बताया, '27 जून को उसका भाई घर से अकेला ही स्कूटी से गया था। देर शाम तक वापस नहीं लौटा। बार-बार उसे कॉल किया, लेकिन फोन नहीं उठा। देर रात मां ने फोन किया तो उसने फोन उठा लिया और बात की। उसने मां से कहा कि वो अपने दोस्त शिवम यादव के साथ आया है। पता नहीं वो कहां ले जा रहा है। उसने हंसते हुए यह भी कहा था कि पता नहीं ये मुझे मार न डाले। फिर कहता है कि ये मेरा अच्छा दोस्त है। मैं दो घंटे में आ जाऊंगा। इसके बाद उसका फोन बंद हो गया।'

दोस्त ने कबूल किया जुर्म

परिवार के आरोप पर पुलिस ने शिवम यादव को ढूंढ लिया। वह आवलखेड़ा के निकट स्थित पैसई गांव का रहने वाला है। आगरा के सुल्तानगंज पुलिया पर कुनाल के यहां रोज दूध देने आता था। पुलिस ने शिवम व उसके पिता को हिरासत में ले लिया। पहले तो शिवम ने पुलिस को गुमराह किया। पुलिस ने सख्ती दिखाई तो उसने जुर्म कबूल कर लिया।

40 वर्ष के विश्वास का कत्ल

कुनाल के पिता शिवम के पिता पप्पू यादव निवासी पैसई खंदौली को करीब 40 वर्ष से जानते हैं। वह अपने काम के हिसाब से उनसे दूध ले रहे थे। शिवम तीसरी पीढ़ी का है। पहले दूसरा व्यक्ति दूध देने आता था मगर करीब सात-आठ महीने से शिवम दूध देने आने लगा। कुनाल की इससे कब दोस्ती हुई किसी को पता ही नहीं था।

Published on:
02 Jul 2025 12:44 pm
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