
आगरा। कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों..., कुछ इसी प्रकार की प्रेरणा देते हैं बंटी ग्रोवर। विश्व शांति दिवस के अवसर पर हम आपकी पहचान कराते हैं बंटी ग्रोवर से। जब कभी शहर संप्रदायिकता की आग की ओर बढ़ा तब बंटी ग्रोवर ने वो काम कर दिखाया, जिसमें पुलिस के भी पसीने छूटते हैं। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, बौद्ध और ईसाई धर्मगुरुओं के माध्यम से शांति का संदेश देकर शहर की शांति व्यवस्था को बनाये रखने में अहम योगदान दिया। यही कारण है कि बंटी ग्रोवर को आज शांति दूत कहा जाता है।
बंटी ग्रोवर के बारे में
बंटी ग्रोवर की सभी धर्मों के प्रति यह आस्था आज की नहीं, बल्कि बचपन से ही है। मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे बन्टी ग्रोवर पहले क्यूवी फिर जीआईसी तदुपरांत आगरा कॉलेज में परास्नातक तक पढ़े। बंटी ग्रोवर की खास बात ये है कि आज आगरा में कहीं भी सांप्रदायिक सौहार्द को किन्ही असामाजिक तत्वों द्वारा यदि प्रहार करने की कोशिश की जाती है, तो उस आग को प्रैम और सौहार्द में बदलने के लिए बंटी ग्रोवर पूरी निष्ठा के साथ जुट जाते हैं। सभी धर्म गुरुओं को एक मंच पर लाने का काम करते हैं।
ये कहते हैं बंटी ग्रोवर
बंटी ग्रोवर कहते हैं कि परमात्मा के आशीर्वाद से सभी धर्मों के अनुयायियों के बीच शान्ति एवं सौहार्द की अपील आगरा की इस सुलहकुल की नगरी के नाम को कहीं तो चरितार्थ कर रही है और सिक्ख धर्म में गुरुओं के उपदेश मानस की जात सभे ऐ के पहचानवो। अब्बल अल्लाह नूर उपाया कुदरत के सब बन्दे से प्रेरणा लेकर सभी धर्म गुरुओं को एक मंच पर इकठ्ठा करने श्रेय जाता है।
मिला ये सम्मान
सर्व प्रथम आगरा की सामाजिक संस्था लीड आगरा द्वारा शान्ति दूत, जिसमें आगरा के सभी धर्मं गुरुओं एवं आगरा के विभिन्न अग्रणी संस्था एवं बुद्धिजीवियों द्वारा इस अवार्ड से नवाजा। इसके पश्चात चाहे मुस्लिम समाज की हो या हिन्दू समाज की या सिक्ख समाज की विभिन्न संस्थाओ द्वारा इनके इस प्रयास को सराहा।
Published on:
20 Aug 2018 05:32 pm
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