
Shri Krishna
आगरा। वैदिक हिंदू शास्त्रों के अनुसार इस वर्ष 2018 में श्रीकृष्ण की 5245वीं जयंती है। Krishna Janmashtami को श्रीकृष्ण के प्राकट्य दिवस के तौर पर मनाते हैं। इस दिन श्रद्धालु दिन भर व्रत रखते हैं और रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद भोग लगाकर ही अपना व्रत खोलते हैं। वैदिक सूत्रम के चेयरमैन और भविष्यवक्ता से पत्रिका टीम ने बात की और जाना कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व अाखिर दो दिन क्यों मनाया जाता है। वैदिक सूत्रम के चेयरमैन और भविष्यवक्ता पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि वैष्णव सम्प्रदाय और स्मार्त सम्प्रदाय के लोग Krishna Janmashtami को अलग अलग तिथियों से मनाते हैं।
रोहिण नक्षत्र का ये है समय
पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि इस वर्ष कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि 2 और 3 सितंबर दोनों ही दिन रहेगी। इस वर्ष 2 सितंबर को रात्रि 8 बजकर 46 मिनट से अष्टमी तिथि का प्रारंभ हो जाएगी। 3 सितंबर को अष्टमी तिथि 7 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। वहीं रोहिणी नक्षत्र का प्रारंभ 2 सितंबर को रात्रि 8 बजकर 48 से होगा और 3 सितंबर को रात्रि 8 बजकर 08 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र समाप्त होगा।
अलग अलग दिनों पर होती है पूजा
वैदिक सूत्रम चेयरमैन पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि अधिकतर श्री कृष्ण जन्माष्टमी दो अलग-अलग दिनों पर हो जाती है। जब-जब ऐसा होता है। तब पहले दिन वाली जन्माष्टमी स्मार्त सम्प्रदाय के लोगों के लिए और दूसरे दिन वाली जन्माष्टमी वैष्णव सम्प्रदाय के लोगों के लिए होती है। जो कि इस वर्ष 2018 में भी 2 दिन पड़ रही है। जिसमें प्रथम दिन 2 सितम्बर 2018 को स्मार्त की होगी और 3 सितम्बर 2018 को वैष्णव संप्रदाय की मनाई जाएगी।
मथुरा में होने लगी रौनक
वैदिक सूत्रम चेयरमैन और भविष्यवक्ता पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि इस बार मथुरा और पूरे बृज क्षेत्र में 3 सितंबर 2018 को Krishna Janmashtami पर्व मनाने के लिए मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर में तैयारियां पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। श्री कृष्ण की जन्मभूमि में लाखों श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। श्रीकृष्ण मथुरा जन्मभूमि न्यास के सचिव कपिल शर्मा ने जानकारी दी कि श्रद्धालुओं को इस बार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म समारोह खास अंदाज में देखने का अवसर मिल सकेगा। मथुरा और पूरे बृज क्षेत्र में 3 सितम्बर को श्रीकृष्ण का जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंदिर के भीतर और बाहर एलईडी स्क्रीन भी लगाई जाएंगी। जन्मभूमि मंदिर तीन सितंबर को रात 1:30 बजे तक खुला रहेगा।
Updated on:
29 Aug 2018 12:49 pm
Published on:
29 Aug 2018 11:11 am
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