
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मनोकामना पूर्ति के लिए इनमें से किसी भी मंत्र का करें जप
आगरा। Shri Krishna Janmashtami का पर्व तीन सितम्बर को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस पर्व के लिए कृष्ण भक्तों में खासा उत्साह है। कृष्ण भक्तों ने जन्माष्टमी मनाने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। भविष्यवक्ता और वैदिम सूत्रम के चेयरमैन पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि भगवान की आराधना करते समय मन को शांत रखना चाहिए और मंत्रों का जाप करते रहना चाहिए। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर व्रत रखने वाले भक्त इन मंत्रों के साथ अपना व्रत रख सकते हैं।
जन्माष्टमी पूजन के मंत्र
- ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: (इस मंत्र का जाप दिन भर करते रहना चाहिए)।
- योगेश्वराय योगसम्भवाय योगपताये गोविन्दाय नमो नमः (इस मंत्र द्वारा श्री हरि का ध्यान करें) ।
- यज्ञेश्वराय यज्ञसम्भवाय यज्ञपतये गोविन्दाय नमो नमः (इस मंत्र द्वारा श्री कृष्ण की बाल प्रतिमा को स्नान कराएं)।
- वीश्वाय विश्वेश्वराय विश्वसम्भवाय विश्वपतये गोविन्दाय नमो नमः (इस मंत्र द्वारा भगवान को धूप, दीप, पुष्प, फल आदि अर्पण करें)
- धर्मेश्वराय धर्मपतये धर्मसम्भवाय गोविन्दाय नमो नमः (इस मंत्र से नैवेद्य या प्रसाद अर्पित करें)
लगाया जाता है माखन मिश्री का भोग
बालगोपाल को माखन मिश्री का भोग और प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी कृष्ण भक्त पूरे ब्रज क्षेत्र में 3 सितम्बर को shri Krishna Janmashtami के दिन अपने काह्ना के व्रत रखेंगे। उनकी पूजा करेंगे और उन्हें झूला झुलाएंगे और रात में 12 बजे के बाद अपने कृष्ण को माखन मिश्री खिलाएंगे। वैदिक सूत्रम चेयरमैन पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण को जन्माष्टमी पर्व पर पंचामृत जरूर अर्पित करें, उसमे तुलसी दल भी जरूर डालें साथ ही मेवा, माखन और मिसरी का भोग भी लगाएं और साथ ही पूर्ण सात्विक भोजन , जिसमे तमाम तरह के व्यंजन हों इस दिन श्री कृष्ण को अर्पित किये जाते हैं।
मंदिरों में भी विशेष सटावट
वैदिक सूत्रम चेयरमैन पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि बृज क्षेत्र में Janmashtami के दौरान श्रीकृष्ण बलराम मंदिर और बांकेबिहारी मंदिर से जुड़े विदेशी भक्त भी कृष्ण के जन्म की खुशियां मनाने में किसी से पीछे नहीं रहते। ब्रज क्षेत्र में हर तरफ भगवान श्री कृष्ण के जन्म की खुशियां छा जाती हैं, और बधाई गायन होता है। इस मौके पर मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर, द्वारिकाधीश मंदिर, वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर, राधारमण मंदिर, राधावल्लभ मंदिर, इस्कॉन मंदिर, प्रेम मंदिर, बरसाना के मंदिर, गोवर्धन के दानबिहारी मंदिर, गोकुल, महावन और नंदगांव के सभी मंदिरों में विशेष सजावट की जाती है।
Updated on:
29 Aug 2018 02:57 pm
Published on:
29 Aug 2018 11:31 am
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