
आगरा। किसानों के लिए बड़ी खबर है। यदि कोई भी किसान पराली जलाते हुए पाया जाता है, तो उससे अर्थदंड वसूल किया जाएगा। उप कृषि निदेशक महेन्द्र सिंह ने बताया कि जनपद में बढ़ते वायु प्रदूषण एवं स्मॉग की समस्या के मद्देनजर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण नई दिल्ली, द्वारा दिये गये आदेश के तहत धान की पराली/फसल अवशिष्ट जलाया जाना दण्डनीय अपराध है।
ये है अर्थदंड की राशि
पराली जलाये जाने का दोषी पाये जाने पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में अर्थदण्ड वसूल किया जायेगा। उन्होंने बताया कि 02 एकड़ से कम भूमि वाले कृषक से 2500 रुपये, 02 एकड़ से अधिक एवं 05 एकड़ से कम भूमि वाले लघु कृषक से 05 हजार रुपये और 05 एकड़ से अधिक भूमि वाले कृषक से 15 हजार रुपये अर्थदण्ड वसूल किया जायेगा। उप कृषि निदेशक ने अवगत कराया है कि फसल अवशेष जलाने से मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी तथा वायुमण्डल में स्मॉग की समस्या होने से लोगों में श्वॉस सम्बन्धी बीमारियां तेजी से बढ़ रही है।
इस योजना का उठायें लाभ
उन्होंने बताया कि कृषक भाई फसल अवशेष के प्रबन्धन हेतु कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही “इन सी-टू मैनेजमेंट ऑफ कॉप रेजीड्यू योजना के तहत 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कृषि यंत्रों यथा- हैप्पीसीडर, जीरोटिल कम सीडड्रिल फर्टीड्रिल मशीन, मल्चर, पैडी स्ट्रॉ चोपर व रिवर्सीबल हाईड्रोलिक एमबी प्लाऊ का प्रयोग कर मृदा की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अपना योगदान दे सकते हैं।
Published on:
17 Nov 2019 09:48 am
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