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आगरा

कतर से भारत लौटे पूर्व कमांडर ने अपना दर्द साझा किया, बोले-जेल में एक साल मौन व्रत रखा

कतर के जेल में पूर्व कमांडर संजीव गुप्ता ने 18 महीने गुजारे। यूपी आगरा में संजीव गुप्ता अपनी पत्नी के साथ पहुंचे। उन्होंने अपना दर्र साझा किया।

आगराFeb 21, 2024 / 07:53 pm

Upendra Singh

Qatar Sanjeev Gupta and Rekha

Qatar Sanjeev Gupta-Rekha

कतर के जेल में रहने के दौरान की अपनी स्थिति को शेयर किया। पूर्व कमांडर संजीव गुप्ता ने बताया कि एक साल तक मैंने मौन व्रत रखा था। वहां कोई भी मुझसे बात तक नहीं करता था। एक छोटे से कमरे में जिंदगी वीरान हो गई थी। कोई हाल पूछने वाला नहीं था। उन्होंने बताया‌ कि आगरा में एक शादी समारोह में शामिल होने पहुंचे थे।
पूर्व कमांडर संजीव गुप्ता ने बताया अगस्त 2022 में बिना कुछ बताए कतर पु‌लिस ने उन्हें जेल में डाल दिया था। एक महीने तक पूछताछ चलती रही। मानसिक रूप से परेशान किया गया, लेकिन वो परेशान नहीं हुए और घबराते भी नहीं थे। उन्होंने बताया कि वो जानते थे कि कुछ गलत नहीं किया तो परेशान क्यों डरें?
जेल के कमरे में मनोरंजन के लिए एक टीवी लगी थी, जिसमें सिर्फ अरबी भाषा के ही चैनल चलते थे। उन्होंने बताया कि उन्हें वहीं से पता चला कि कतर की एक अदालत ने मेरे जैसे और पूर्व सैनिकों को सजा-ए-मौत का दंड दिया। उसे सुनकर 7 दिन तक मैं सदमें की हालत में रहा। कुछ भी समझ नहीं आया कि आखिर ऐसा मैंने क्यों किया? संजीव गुप्ता ने बताया कि उन्हें फौज में ट्रेनिंग मिली थी कि कैसे खुद मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखने की।
संजीव गुप्ता ने बताया कि मैंने अपना आत्मविश्वास जगाया। कतर की जेल से रिहा कराने में मोदी सरकार और भारत के राजदूत विपुल का पूरा सहयोग रहा। मैं सत्यवान था या नहीं मुझे नहीं पता, लेकिन मेरी पत्नी रेखा ने सावित्री की तरह मेरे प्राण यमराज से छीने हैं।

पूर्व कमांडर संजीव बताते हैं कि घर आते ही सबसे पहले पिता आरपी गुप्ता ने आगरा का पेठा खिलाया। उसी के साथ मेरा स्वागत किया। इतने वक्त के बाद पहली बार में आगरा किसी विवाह समारोह में शामिल होने आया हूं।

पूर्व कमांडर संजीव गुप्ता की पत्नी रेखा गुप्ता ने बताया कि तिरुपति बालाजी को वह बेहद मानती हैं और बचपन से वहां जाती रहीं है। कतर में पति को मृत्युदंड की सजा सुनाने के बाद मन्नत मांगी थी कि पति की रिहाई के बाद वह आंध्र प्रदेश तिरुपति बालाजी दर्शन को जाएंगे। आगरा से विवाह समारोह के बाद हम दोनों तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए रवाना होंगे।

संजीव ने बताया कि वह नौसेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत होने के बाद नोएडा में थे। वहीं उनके पास 2018 में कतर की नेवी अफसरों को ट्रेनिंग देने का ऑफर आया था। अल दहरा कंपनी की तरफ से हम वहां पर उनको ट्रेनिंग देते थे। कतर में पत्नी और छोटी बेटी मेरे साथ थी। जुलाई 2022 में मैं पत्नी और बेटी को नोएडा छोड़कर गया। अगस्त में मुझे जेल में डाल दिया गया।

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