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यहां नहीं जलती पराली फिर भी स्मॉग क्यों, हवा चली तो दिखने लगा नीला आसमान

-प्रदूषण का कारण पराला नहीं, वाहनजनित धुआं जो ऊपर नहीं जा पा रहा-पश्चिमी हवा चली तो धुआं गायब हो गया और धूप निकल आई-आगरा में हजारों श्रमिक खाना बनाने के लिए लकड़ी का प्रयोग कर रहे

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आगरा

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Dhirendra yadav

Nov 05, 2019

Smog

Smog

आगरा। दिल्ली के साथ ही आगरा में प्रदूषण का स्तर में सुधार आया है। मंगलवार को एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) 151 रहा। आसमान विगत दिवस की स्थिति में साफ रहा। हल्का स्मॉग फिर भी छाया रहा। अब बात करते हैं कि इस प्रदूषण का कारण आखिर है क्या। पराली या कुछ और...? आज की बात करें तो एक बजे के बाद हवा चली और स्मॉग गायब हो गया।

ताजमहल के शहर का हाल
ताजमहल के शहर आगरा की बात करें, तो यहां दीवाली के बाद से ही हालात खराब होना शुरू हो गए। विगत दो दिवस की बात करें, तो आगरा के आसमान में सूर्य देव के दर्शन नहीं हो सके। स्मॉग भयंकर रूप से हावी रहा। ये आलम आगरा शहर का ही नहीं, बल्कि आसपास के ग्रामीण अंचलों में भी रहा। ये हाल तब है जब प्रदूषण को लेकर आगरा में तमाम प्रयास किए जा रहे हैं।

पॉल्यूशन को लेकर हुए तमाम प्रयास
आगरा में प्रदूषण की रोकथाम के लिए तमाम प्रयास किए गए हैं। यहां सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के बाद 292 पॉल्यूशन फैलाने वाली फैक्टरियों को बंद करा दिया गया। इतना ही नहीं पड़ोसी जिले फिरोजाबाद कांच की सभी फैक्टरियों में काम गैस से शुरू हुआ, जिससे पॉल्यूशन न बढ़े। वहीं वाहनों की बात करें, तो यहां उच्च गुणवत्त वाला डीजल और पेट्रोल मिल रहा है। सबसे अधिक चलने वाले आॅटो के लिए भी सीएनजी उपलब्ध है, फिर भी पॉल्यूशन इस कदर हावी है, इसका कारण आखिर क्या है, ये एक बड़ा सवाल है। ये हाल तब है, जब आगरा और आसपास पराली नहीं जलती है, क्योंकि आगरा में धान की फसल बहुत कम होती है। आस पास के जिलों की बात करें, तो यहां पराली को जलाने के बजाए, खेत में पानी भरकर उसी में छोड़ दिया जाता है, जो खाद के रूप में काम करता है।

ये बोले पर्यावरणविद
पर्यावरणविद व अधिवक्ता केसी जैन ने बताया कि गांव देहात में पहले लकड़ी ईधन आदि से खाना बनाया जाता था, लेकिन उज्ज्वला से बड़ी राहत मिली, इसके बाद लकड़ी का प्रयोग बहुत कम हुआ है। वहीं दूसरा पहलू देखा जाए, तो आगरा में रहने वाले हजारों श्रमिक, जो झुग्गी झोंपड़ी में रह रहे हैं, वे आज भी गोबर के उपले और लकड़ी का प्रयोग खाना बनाने में कर रहे हैं। इसका धुआं पर्यावरण को प्रभावित कर रहा है।

प्रदूषण का बड़ा कारण
पर्यावरणविद एसके सिंह ने बताया कि दिल्ली में ऑड ईवन सिस्टम चालू हुआ, तो आसमान साफ होने लग गया। उन्होंने बताया कि अभी मौसम की बात करें, तो वाहनों का धुआं नमी के चलते उपर नहीं जा पा रहा है। वाहनजनित धुआं छाया हुआ है। इसके अलावा अभी बाजरा की थ्रेसिंग का काम जोरों पर चल रहा है। उसका प्रभाव भी दिखाई दे रहा है।

Air Pollution: Real-time Air Quality

Current Past 48 hours data Min Max
PM2.5 126 402
O3 3 11
NO2 7 29
SO2 3 21
Temp 28 30
Pressure 746 747
Humidity 35 78
Wind 0 5