20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

CAA: आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने बड़े ही आसान शब्दों में समझाया ये कानून, देखें वीडियो

डॉ. कृष्ण गोपाल ने अपने उद्बोधन के जरिए सीएए को लेकर सकारात्मक पक्ष रखा।

2 min read
Google source verification

आगरा

image

Dhirendra yadav

Dec 29, 2019

123_1.jpg

आगरा। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर फेले भ्रम को दूर करने के लिए संघ के सहसरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल कानून के बारे में पूरी जानकारी बड़े ही आसान शब्दों में दी। सूरसदन में आयोजित इस कार्यक्रम में शहर के बुद्धजीवियों के अलावा विभिन्न संगठनों के लोग मौजूद रहे। डॉ. कृष्ण गोपाल ने अपने उद्बोधन के जरिए सीएए को लेकर सकारात्मक पक्ष रखा। सूरसदन का हॉल खचाखच भरा हुआ था, तो वहीं मंच पर सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल के अलावा वरिष्ठ समाजसेवी और वरिष्ठ अधिवक्ता करतार सिंह भारतीय और अशोक खन्ना मौजूद थे।

ये दी जानकारी
आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि सीएए क्या है, क्यों हुआ, इसकी आवश्यकता क्या थी, इसके ऐतिहासिक परिदृश्य क्या हैं। इस निमित सारे देश में हमने निर्णय लिया, कि इसे समझाने का प्रयत्न करेंगे। इसी श्रृंखला में पूरे देश में सभाएं हो रही हैं। 22 दिसंबर 2019 को एक लंबी बहस के बाद राष्ट्रपति ने नागरिकता कानून में संशोधन को अनुमति दे दी। इस संशोधित कानून के अनुसार, भारत के क्षेत्र में जो तीन देशों से वहां के अल्पसंख्यक, वहां से प्रताड़ित जो भारत में आए हैं, वो आवेदन करते हैं, तो उन्हें नागरिकता दी जाएगी। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंग्लादेश तीन देश मुख्य हैं। इन तीनों देशों की विशेष प्रकार की स्थिति है। इतिहास में ये तीनों देश कभी न कभी भारत का हिस्सा रहे। तीनों देश भारत की सीमाओं से जुड़े हैं। इन तीनों देशों ने इस्लामिक गणराज्य घोषित किया है। अब जो वहां अल्पसंख्यक रह गए, उन्हें बड़ी त्रासदी सहन करनी पड़ रही है। वहां उनकी संख्या कम हो रही है। वे कितने अत्याचार झेल रहे हैं, ये आए दिन हम देखते हैं।

इसलिए बटा देश
भारत का विभाजन हुआ, क्रांग्रेस उस समय देश की सबसे बड़ी पार्टी थी। विभाजन से पहले कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने ये संदेश दिया था, कि देश का विभाजन नहीं होगा। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि देश के विभाजन से पहले मेरे शरीर के तीन टुकड़े होंगे। हिंदू आशस्वस्त हो गया। जवाहर लाल ने कहा कि जो विभाजन की बात करते हैं, वो बेहूदी बात है। सरदार बल्लभ भाई पटेल को लोगों ने पूछा, तो उन्होंने कहा कि हम देश को बंटने नहीं देंगे। हिंदू को आश्वासन हो गया, कि अब देश नहीं बटेगा। मगर गांधी जी के इस कथन के मात्र तीन महीने बाद ही बाद मई 1947 में देश के विभाजन पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया गया और दो देश बना दिए गए। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए आरएसएस के सरकार्यवाह कृष्णगोपाल ने देश के विभाजन का जिम्मेदार कांग्रेस के नेताओं और मंत्रियों को ठहराया।