
Shoe Agra
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा का जूता कारोबार देश विदेश में होता है। आगरा में तैयार होने वाले जूते की खपत यूरोपीय देशों में भी है। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे हमले से आगरा के जूता कारोबार को तगड़ा झटका लग सकता है। आगरा को यूरोपीय देशों से करीब अब तक 18 करोड़ के आॅर्डर मिल चुके हैं लेकिन युद्ध छिड़ने के बाद आॅर्डर निरस्त भी हो सकते हैं। जंग ज्यादा दिन चली और अन्य देशों में हिंसा फैली तो 200 करोड़ का नुकसान निर्यात में झेलना पड़ सकता है।
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आगरा से काफी सामान होता है निर्यात
आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैंबर (एफमेक) के अध्यक्ष पूरन डावर ने बताया कि जंग एक चेन रिएक्शन की तरह है। इससे सीधे सीधे रूस और यूक्रेन नहीं, बल्कि कई मुल्कों के कारोबार पर असर पड़ेगा। पेट्रोलियम की कीमतें बढ़ेंगी तो फुटवियर उद्योग पर इसका सीधा असर पड़ेगा। कच्चा माल महंगा हो जाएगा। आगरा के निर्यातकों का मानना है कि यूरोप के बाजार पर इसका असर पड़ेगा। केवल फुटवियर नहीं, बल्कि आगरा से निर्यात होने वाले स्टोन हैंडीक्राफ्ट, मार्बन इनले, जरदोजी, कारपेट और सिल्क वेलवेट के आर्डर पर असर पड़ेगा। युद्ध से रूस, यूक्रेन के साथ यूरोप की सप्लाई लाइन पर असर पड़ सकता है, वहीं ऑर्डर भी भेजना मुश्किल हो सकता है। जंग केवल दो देशों में नहीं, बल्कि इसका असर कई देशों पर पड़ेगा। आने वाले दिनों में बड़ा नुकसान झेलने के लिए तैयार होना होगा। लघु उद्योग भारती के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक अग्रवाल ने कहा कि हस्तशिल्प, दवाएं, पैक्ड फूड का व्यापार रूस और यूक्रेन के साथ होता है। जंग से इसमें कमी आएगी। जैसा माहौल है, उसमें पुराने भुगतान का मिलना मुश्किल हो जाएगा। कोरोना के बाद पर्यटन की उम्मीद थी, पर जंग से वह भी अब मुश्किल लगता है।
Published on:
25 Feb 2022 11:58 am
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