
save pond
आगरा। जी हाँ, कुछ इस तरह अपनी जान बचाने के लिए अधिकारियों से गुहार लगा रहा तालाब।जिलाधिकारी से लेकर कमिश्नर तक चिट्ठी लिख दी पर मुझे बचाने की बातें सिर्फ कागजों में ही रह गई है।बताते दें कि आगरा जिलाधिकारी कार्यालय के पीछे एक बहुत बड़ा तालाब है, जिसे अतिक्रमणकारियों ने घेर कर अपनी गाड़ियां खड़ी करने का स्थान बना लिया है। नगर निगम ने आस पास की सभी नालियों को तालाब से जोड़ कर तालाब के पानी को इतना अशुद्ध कर दिया कि मानों कोई नाला हो। तालाब के नजदीक खाली जमीन पर नगर निगम कूड़ा ला कर डाल देता है और उसमें चुप चाप आग लगा दी जाती है। इस बात की शिकायत जिलाधिकारी, नगर आयुक्त, मंडलआयुक्त आदि से भी हो गई, लेकिन सभी ने तालाब को नजरअंदाज कर दिया।
ये बोले सेनेटरी इंस्पेक्टर
जब अधिकारीयो के पास चिट्ठी पहुंची तो उन्होंने कार्रवाई के लिए सेनेटरी इंस्पेक्टर के पास भेज दी, उन्होंने झूठी आख्या लगा दी कि साफ सफाई हो गयी और शिकायतकर्ता से बात हुई वो संतुष्ट हैं, लेकिन हकीकत यह है कि शिकायत कर्ता को इंस्पेक्टर द्वारा गुमराह करते हुए यह कहा गया कि "नालियां नहीं जुड़ेंगी तो तालाब में पानी कहां से आएगा " जब कि उच्चन्यायालय के आदेश हैं कि तालाब से नालियों को नहीं जोड़ा जाएगा। जिलाधिकारी कार्यालय से आरटीआई के जवाब में भी गुमराह किया गया। 6 मई,2019 को जिलाधिकारी कार्यालय से तालाब की जानकारी के लिए आरटीआई लगाई, जिसका उत्तर नहीं दिया गया।
Published on:
11 Jun 2019 06:43 pm
बड़ी खबरें
View Allआगरा
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
