शिविका तोमर के निर्देशन में 25-25 के ग्रुप में पहले बच्चों ने शैल्टर होम का भ्रमण कर श्वानों की स्थिति व परेशानियों को जाना। इसके बाद कैस्पर्स होम की निदेशक विनीता अरोरा द्वारा अवेयरनेस सेशन लिया गया। जिसमें शैल्टर में रह रहे श्वानों के इलाज आदि के बारे में बताया गया। बताया कि कैसे लोग विदेशी श्वानों को भी बीमार होने पर शैल्टर में छोड़ जाते हैं। या फिर कैस्पर्स होम द्वारा सड़कों से देसी श्वासों को कैसे और कैसी स्थिति में रेस्क्यू किया जाता है। अभी वह अपनी निजी जगह पर शैल्टर होम चला रहीं हैं। काफी प्रयासों के बाद भी सरकारी मदद नहीं मिल पा रही।
बच्चों को स्ट्रीट डॉग के साथ कैसे व्यवहार करें, इस पर भी चर्चा हुई। तीन बच्चों ने देसी श्वान अडोप्ट करने की बात कही। वहीं नगर निगम को शैल्टर होम के लिए पत्र लिखने व लोगों को देसी श्वान अडोप्ट करने के लिए जागरूक करने की भी बात कही। इस अवसर पर किरन सेतिया भी मौजूद थीं।