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मरने के बाद जिंदा होने का रहस्य इस डॉक्टर ने खोला

मरने के बाद हो रहे जीवत लोग, जानिए क्या है रहस्य।

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आगरा

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Dhirendra yadav

May 10, 2018

alive after death

alive after death

आगरा। मरने के बाद कोई कैसे जीवत हो सकता है, इसे भले ही आप चमत्कार मानें, लेकिन विज्ञान की भाषा में इसका अर्थ कुछ और ही है। कुछ महीनों की बात करें, तो उत्तर प्रदेश में तीन ऐसे मामले सामने आए, जिसमें मरने के बाद व्यक्ति जीवत हुए और मरने के बाद की अपनी कहानी बताई। किसी ने बताया कि गलत व्यक्ति को यमराज उठा ले गए थे, तो उसे वापस जमीन पर भेजा गया, तो किसी ने कुछ और। इन बातों को लेकर जब पत्रिका टीम ने मानसिक आरोग्यशाला के प्रमुख अधीक्षक डॉ. दिनेश राठौर से बात हुई, तो उन्होंने विज्ञान की भाषा में इन मामलों का कारण समझाया।

ये बोले चिकित्सक
डॉ. दिनेश राठौर ने कहा कि मृत घोषित करने का एक क्रायटेरिया होता है। ब्लड प्रेशर नाप कर व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया जाता है, जब होता ये भी है कि कभी कभी पल्स रेट इतना कम हो जाता है कि हृदय धड़कते हुए भी उसका पंप इतना प्रेशर नहीं दे पाता, कि ब्लड प्रेशर को नापा जा सके। कभी कभी दबाव और जल्द बाजी में व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया जाता है। ब्रेन डेथ वाले मामलों में ह्रदय तो धड़कता रहता है, लेकिन फेफड़ों के साथ अन्य अंग जिंदा रहते हैं। कम्पलीट डेथ की स्थिति में बीपी और पल्स मापकर, आंख की पुतली देखकर व्यक्ति को मृत घोषित किया जाता है। उन्होंने कहा कि बहुत अधिक उलझने की आवश्यकता नहीं है। विज्ञान किसी चमत्कार को नहीं मानता है। कहा जाए तो गलती की वजह से इस प्रकार के मामले सामने आते है।।

इस तरह जीवत होना संभव
डॉ. दिनेश राठौर ने बताया कि चमत्कार कुछ नहीं होता है, लेकिन मौत के बाद जीवन संभव है, लेकिन वो भी कुछ समय होता है। इसे सीपीआर विधि कहा जाता है, जो मृत्य के एक से दो मिनट के बाद व्यक्ति को दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि इसमें हृदय को जोर जोर से दबाने से बंद हृदय फिर से काम करना शुरू कर देता है। उन्होंने बताया कि मृत्यु के बाद जिंदा होने के मामलों में सीधेतौर पर कहा जाए, तो गलती की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। हर किसी की राय अलग हो सकती है।