दरअसल शिवपाल यादव द्वारा समाजवादी सेक्युलर मोर्चे के गठन के बाद से ही नेता जी को लेकर शिवपाल और अखिलेश के बीच खींचातानी मची हुई है। इसका कारण है कि प्रदेश में आज भी एक बड़ा तबका नेताजी का मुरीद है और वो उनके नाम पर वोट देता है। शिवपाल यादव का कहना है कि वे मुलायम सिंह को समाजवादी सेक्युलर मोर्चे के अध्यक्ष पद का आॅफर देंगे। अगर इस आॅफर को वे स्वीकार कर लेते हैं तो इस बार के लोकसभा चुनाव 2019 में वे मैनपुरी जिले से समाजवादी सेक्युलर मोर्चे के पहले प्रत्याशी बनेंगे।
शिवपाल का कहना है कि उन्होंने बहुत सोच समझकर समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाया है। नेता जी का आशीर्वाद उनके साथ है और पीछे हटने का सवाल नहीं उठता। उनका मानना है कि कि भविष्य में यादव महासभा और अधिकतर पूर्व विधायक उनका साथ देंगे। इस बीच उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से किसी भी तरह के गठबंधन की अटकलों को गलत बताया। उनका कहना है भाजपा से हमारी विचारधारा नहीं मिलती इसलिए गठबंधन का सवाल ही नहीं उठता। शिवपाल का कहना है कि भाजपा ने लोगों के साथ किए वायदे को पूरा नहीं किया। जीएसटी और नोटबंदी जैसे फैसले बगैर सोचे समझे लिए। इससे जनता का बहुत नुकसान हुआ है। इस बार भाजपा का जनाधार गिरेगा, जिसका फायदा हमें मिलेगा।