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लोकसभा चुनाव से पहले ही अखिलेश यादव के लिए ‘नरम’ हुए शिवपाल, कार्यकर्ता हैरान

30 नवंबर से पहले शुरू करेंगे पार्टी का बूथ स्तर कार्यक्रम, लेकिन, सिर्फ भाजपा के जनविरोधी नीतिगत निर्णयों को मुखरता से जनता के बीच रखने का निर्देश

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आगरा

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Abhishek Saxena

Nov 04, 2018

shivpal singh yadav

Shivpal Yadav

आगरा। उत्तर प्रदेश राजनीति में सबसे बड़े कुनबे की लड़ाई आज भी जनता के लिए अबूझ पहेली बनी हुई है। समाजवादी पार्टी से विधायक और समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का गठन करने वाले पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव का रुख किस तरफ है किसी के लिए अभी स्पष्ट नहीं है। कार्यकर्ता भी हैरान हैं। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बन गई है। कई स्थानों पर शिवपाल यादव और अखिलेश के समर्थकों में तनातनी का माहौल बना। लेकिन, अब शिवपाल का रुख अखिलेश यादव के लिए नरम पड़ता दिख रहा है। पार्टी की बैठक में जो निर्देश दिए गए हैं उनसे यही संकेत मिलते नजर आ रहे हैं।

बैठक में दिए निर्देश, अब बूथ स्तर से शुरू होगा कार्यक्रम
शिवपाल सिंह यादव ने हाल ही में राजधानी में बैठक की, जिसमें उन्होंने नए और पुराने साथियों के साथ मंत्रणा की। शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि नई पार्टी के गठन के पीछे समाजवादी पार्टी का समाजवाद व पार्टी के मूल सिद्धांतों से भटकाव ही मुख्य वजह रही है। खांटी समाजवादी साथियों की लगातार उपेक्षा से ऐसा राजनीतिक परिदृश्य बन रहा था। जिसमें नई पार्टी का गठन अपरिहार्य हो गया था। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी अब जमीन पर उन बुनियादी मुद्दों पर काम करेगी, जो नौजवानों, किसानों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के जीवन में आमूल चूल बदलाव ला सके। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पार्टी को बूथ स्तर पर 30 नवम्बर से पहले जाना है।

भाजपा की जनविरोधी नीतियों का विरोध
आगरा से जिलाध्यक्ष यशपाल राणा सहित कई पदाधिकारी बैठक में शामिल हुए थे। नेताओं ने जानकारी दी कि बैठक में यह भी तय हुआ कि आने वाले दिनों में भाजपा के जनविरोधी नीतिगत निर्णयों का मुखरता से विरोध किया जाएगा। जनता के बीच जाकर भारतीय जनता पार्टी के झूठे वादों की पोल खोली जाएगी। नेताजी जिस तरह से यूपी में राजनीति करते थे, अब उसी राजनीति का दोहराया जाएगा। शिवपाल यादव को लंबी राजनीति का अनुभव है और इसका लाभ आगामी लोकसभा चुनाव 2019 में देखने को मिल सकता है। जल्द ही राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन भी होगा।