
Samajwadi secular morcha
एटा। समाजवादी सेक्युलर मोर्च के अध्यक्ष शिवपाल यादव की नजर अब मुलायम सिंह यादव के मिनी गढ़ कहे जाने वाले एटा पर है। यहां पर यूपी विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान सपा की गुटबाजी खुलकर सामने आई थी। टिकट कटने के बाद बागी हुये सपा विधायक आशू यादव ने निर्दलीय चुनाव एटा सदर से लड़ा। माना ये जाता है कि इसी वजह से सपा को एटा की सीट गंवानी पड़ी। चर्चा ये है कि शिवपाल यादव फिरोजाबाद के बाद अब एटा का रुख कर रहे हैं। यहां पर उन सपाइयों से संपर्क किया जा रहा है, जो सपा छोड़ चुके हैं, या फिर सपा की मुख्यधारा से अभी अलग - थलग हैं।
अखिलेश को लगेगा बड़ा झटका
यदि शिवपाल यादव एटा में अपनी रणनीति में कामयाब होते हैं, तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगेगा। क्योंकि एटा ऐसा जिला माना जाता है, जहां यादव मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। वहीं दूसरा जो बड़ा कारण है कि यहां यादव दो गुटों में बंटा हुआ है। जो दूसरा गुट है, वो यहां अखिलेश यादव द्वारा 2017 में लिये गये निर्णय से नाराज रहा था और यही कारण था ये मतदाता निर्दलीय चुनाव मैदान में आये सपा के पूर्व विधायक आशू यादव के साथ खड़ा दिखाई दिया। माना ये जा रहा है कि ये गुट शिवपाल यादव के साथ आसानी से आ सकता है, यदि ऐसा हुआ, तो अखिलेश को इस जिले में बड़ा नुकसान होगा।
कलह से ये हुआ नुकसान
सपा परिवार की कलह से सबसे बड़ा नुकसान एटा में हुआ। यहां एक भी सीट सपा के खाते में नहीं आ सकी।
एटा रिजल्ट
एटा- 104
विपिन वर्मा, बीजेपी- 82516
जुगेंद्र सिंह, सपा
मारहरा-105
वीरेंद्र लोधी, बीजेपी- 92507
अमित गौरव, सपा- 59075
अलीगंज 103
सत्यपाल, बीजेपी- 88695
रामवीर, सपा- 74844
जलेसर- 106
संजीव, बीजेपी- 81502
रणजीत सुमन, सपा- 61694
Published on:
15 Oct 2018 10:24 am
