
आगरा। प्रभु श्री राम की बारात से पहले महाभारत होता है। ये युद्ध चलता है रामलीला कमेटी और श्री मनकामेश्वर मंदिर कमेटी के बीच। विवाद है बारादरी को लेकर। इस वर्ष आयोजन से पूर्व ये विवाद फिर बढ़ने लगा है। रामलीला कमेटी ने बारादरी की दीवार पर बोर्ड लगाकर इस संपत्ति पर अपना हक जताया है, तो वहीं मंदिर प्रशासक ने आपत्ति जताते हुए थाना प्रभारी मंटोला से शिकायत की है।
इस तरह बढ़ा मामला
ये मामला इस वर्ष फिर विवाद का रूप धारण कर रहा है। शुरुआत हुई बारादरी के पास लगाई जाने वाली दुकानों को हटवाने से। मंदिर प्रशासक हरिहर पुरी ने अवेधा दुकानें हटवाने के लिए मंटोला थाने में शिकायत की, जिसके बाद श्रीरामलीला कमेटी ने बारादरी को अपना बताते हुए बोर्ड लगा दिया। मंदिर प्रशासक ने इसकी शिकायत थाना मंटोला प्रभारी से की, लेकिन वहां से सिटी मजिस्ट्रेट से मिलने के लिए कहा गया। फिलहार इस विवाद का हल निकलता नहीं दिखाई दे रहा है।
2013 में पड़ी विवाद की नींव
इस विवाद की नींव 2013 में पड़ी। रामलीला कमेटी और मंदिर प्रशासक बारादरी पर हक को लेकर आमने सामने आ गए। विवाद इस कदर बढ़ गया, कि मंदिर कमेटी ने हाईकोर्ट की शरण ली। रामलीला कमेटी के विरुद्ध डकैती का मुकदमा कराया गया। वहीं रामलीला कमेटी ने भी अपनी ओर से हर संभव तरीके अपनाये।
महाभारत खत्म हो तो बने बात
प्रभु श्रीराम की बारात का यह भव्य उत्सव श्री मनकामेश्वर मंदिर से प्रारम्भ होता है, लेकिन 2013 में शुरु हुए इस विवाद के बाद आयोजन में बहुत बदलाव हो गया। प्रथम पूजा करने का हक भी श्रीमनकामेश्वर मंदिर के महंत का था, लेकिन 2013 के बाद ये परंपरा कोई अन्य निभा रहे हैं।
Published on:
05 Aug 2018 11:26 am
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