scriptतीर्थ नहीं भगवान का धाम है श्रीवृन्दावन, हर पाप से मिलती है मुक्ति, पढ़िये ये कथा | Special Story on God Shri krishna Dham Sree Vrindavan | Patrika News

तीर्थ नहीं भगवान का धाम है श्रीवृन्दावन, हर पाप से मिलती है मुक्ति, पढ़िये ये कथा

locationआगराPublished: Jun 03, 2019 09:12:03 am

श्रीमद् भागवत कथा में पांचवे दिन वृन्दावन के महाराज कन्हैया जी ने किया श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं व का वर्णन

God Shri krishna

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आगरा। तीर्थ नहीं भगवान का धाम है श्रीवृन्दावन। जहां तीर्थों के राजा प्रयाग को भी अपने पाप धोने के लिए आना पड़ता है। वृन्दावन में भक्ति महारानी अपने पुत्र ज्ञान व वैराग्य के साथ नृत्य करतीं हैं। वृन्दावन वह पवित्र भूमि है जहां श्रीकृष्ण ने कंस द्वारा भेजे गए कई राक्षकों का वध कर उनका उद्दार किया। वहीं गोपियों संग महारास, माखन चोरी, ऊखल बंधन जैसी लीलाएं भी रची। कमला नगर टीला वाला मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कता के पांचवें दिन वृन्दावन के महाराज कन्हैया जी ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्ण किया।
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भगवान कृष्ण का जन्म लेते ही पहरेदार सो गए। वासुदेव व देवकी की बेड़ियां और कारागार के दरवाजे खुल गए। भगवान कृष्ण को लेकर वासुदेव गोकुल गए। गोकुल से योगमाया कन्या को लेकर कारागार में लौटे तो बेड़ियां बंध गईं और दरवाजे बंद हो गए, द्वारपाल जाग गए। अर्थात भगवान में पास में आते हैं तो सारे बंधन खुल जाते हैं। लेकिन माया पास में आती है तो व्यक्ति बंधन में जकड़ जाता है। इसलिए भगवान के निकट रहिए। पूतना उद्धार, भगवान कृष्ण का नामकरण, माखन चोरी, ऊखल बंधन लीला, श्रीभगवान का गोकुल से वृन्दावन पधारना, वकासुर का वध, कालिया मर्दन आदि लीलाओं का वर्णन किया। गोवर्धन पूजा का वर्णन करते हुए कहा कि यदि लक्ष्य पवित्र और मन में सच्ची भक्ति हो तो ईश्वर भक्त के लिए कुछ भी कर सकते हैं। यही वजह थी कि भक्तों की रक्षा के लिए श्रीकृष्ण ने अपनी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। कथा में मुख्य रूप से पूर्व पार्षद दीपक खरे, पार्षद हरिओम बाबा, दीपक ढल, अखिलेश बंसल, प्यारेलाल, सत्यप्रकाश यादव, धर्मेन्द्र, गौतम वर्मा, अमिता, जीतू, निर्मला, कमलेश आदि मौजूद थीं।
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