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Surya Grahan 2018: गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान रखें इन बातों का खयाल

Surya Grahan 2018- जानें इस साल के दूसरे ग्रहण और पहले सूर्य ग्रहण का सही समय और सूतक के दौरान विशेष सावधानियां।

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आगरा

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suchita mishra

Feb 10, 2018

16 फरवरी को वर्ष 2018 का दूसरा ग्रहण और पहला Surya Grahan लगने जा रहा है। ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र बताते हैं कि ग्रहण गुरुवार यानी 15 फरवरी को रात्रि 12.25 मिनट पर शुरू होगा और सुबह 4.18 मिनट पर समाप्त होगा। ग्रहण के मध्यकाल से 12 घंटे पहले लग जाएंगे। हालांकि Surya Grahan भारत में नहीं दिखाई देगा क्योंकि भारत में उस समय रात होगी।

तीन प्रकार का होता है सूर्य ग्रहण - Types of Surya Grahan

जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य की चमकती सतह चंद्रमा के कारण दिखाई नहीं पड़ती है। चंद्रमा से सूर्य ढंकने लगता है तो इस स्थिति को सूर्यग्रहण कहते हैं। सूर्य ग्रहण तीन तरह का होता है।

1. जब सूर्य का कुछ हिस्सा चंद्र से ढंकता है तो उसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं

2. जब सूर्य पूरी तरह चंद्र के पीछे छिप जाता है तो इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या को ही होता है।

3. तीसरे और अंतिम प्रकार के सूर्य ग्रहण को वलय सूर्यग्रहण कहा जाता है। इस प्रकार के ग्रहण के समय चंद्रमा सूर्य को इस प्रकार से ढंकता है, कि सूर्य का केवल मध्य भाग ही छाया क्षेत्र में आता है। सूर्य के बाहर का क्षेत्र प्रकाशित होने के कारण कंगन के समान प्रतीत होता है। कंगन आकार बनने के कारण इस तरह के ग्रहण को वलय सूर्यग्रहण कहा जाता है।

सूतक के दौरान ध्यान रखें ये बातें - surya grahan ke prabhav

सूर्य ग्रहण किसी भी तरह का पड़े, उससे कुछ घंटे पहले सूतक शुरू हो जाते हैं। सूतक के दौरान वातावरण में कई नकारात्मक स्थितियां उत्पन्न होती हैं इसलिए कुछ बातों से बचने की हिदायत दी जाती है।

1. सूतक लगने के बाद सिलाई कढ़ाई का काम न करें। गर्भवती महिलाएं विशेष ध्यान रखें।

2. सूतक काल में भोजन से परहेज करें, लिक्विड डाइट ले सकते हैं। गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए यह नियम लागू नहीं होता है।

3. खाना न बनाएं। चाकू, कैंची आदि का प्रयोग न करें।

4. खुली आंखों से ग्रहण न देखें, यदि देखना ही है तो एक्सरे की मदद ले सकते हैं।

5. झूठ, फरेब और बुरे विचार दिमाग में न आने दें। माना जाता है कि इस समय में किये गए अपराधों के पाप कई गुना ज्यादा होते हैं।

6. खाने की वस्तु में तुलसी का पत्ता डालें। लेकिन उसे सूतक से पहले ही तोड़ लें। सूतक लगने के बाद न तोड़े।