
सपा नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस पर विवादित दिया था। इसके बाद से उनके खिलाफ साधु, संतों और हिंदुत्ववादी संगठन के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं अब उनके खिलाफ सपा में भी बगावती स्वर फूटने लगे हैं।
सपा के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता गनेश यादव ने आगरा थाने में स्वामी मौर्य के खिलाफ तहरीर दी है। हांलाकि, अभी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। थाना ताजगंज प्रभारी निरीक्षक बहादूर सिंह का कहना है, “ इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों की राय मांगी गई है। इसके बाद मुकदमा दर्ज किया जाएगा।"
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“स्वामी को पार्टी से निकाल देना चाहिए”
सपा के वरिष्ठ नेता गनेश यादव का कहना है, “स्वामी प्रसाद मौर्य कई पार्टियों के धूल चाटने के बाद सपा में आए हैं। मौर्य ने रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया है। रामचरितमानस से हिंदूओं की आस्था जुड़ी हुई है। ऐसे बयान देना उनकी विकृत मानसिकता को दर्शाता है। उन्हें पार्टी से तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए।”
वहीं सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना है, वे अपने बयान पर कायम हैं।” उनका कहना है “रामचरितमानस में दलितों-पिछड़ों का अपमान किया गया है। मैंने रामायण और भगवान श्रीराम पर कोई टिप्पणी नहीं की है।”
मौर्य ने रामचरितमानस पर क्या विवादित बयान दिया था ?
स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर को लेकर कहा था “रामचरितमानस और रामायण में जो भी गलत संकलित है, उसके हटा देना चाहिए।” उन्होंने चौपाइयों को लेकर भी सवाल उठाए हैं, जिनमें ढोल, गंवार, शूद्र, पशु, नारी, सकल तारन के अधिकारी को रामचरितमानस से हटाने की बात कही थी। इसके बाद से पूरा देश में इसका विरोध हो रहा है।
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Updated on:
25 Jan 2023 05:40 pm
Published on:
25 Jan 2023 05:33 pm
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