scriptताजमहल मंदिर विवाद में केन्द्र सरकार पर जुर्माना, जानिए क्यों | Taj Mahal temple dispute Central government fined by court | Patrika News

ताजमहल मंदिर विवाद में केन्द्र सरकार पर जुर्माना, जानिए क्यों

locationआगराPublished: Dec 08, 2017 08:48:32 am

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने तो अपर सिविल सीनियर डिवीजन की अदालत में जवाब दाखिल कर दिया है।

Taj Mahal

Taj Mahal

आगरा। ताजमहल को मंदिर बताने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए अदालत ने केन्द्र सरकार पर जुर्माना ठोका है। अदालत को आपत्ति इस पर है कि बार-बार समय देने के बाद भी केन्द्र सरकार की ओर से कोई जवाब दाखिल नहीं किया जा रहा है।
2015 से चल रही सुनवाई
बता दें कि लखनऊ के अधिवक्ता हरीशंकर जैन आदि ने आगरा के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुलश्रेष्ठ के माध्यम से अदालत में परिवाद दाखिल किया है। इसमें कहा गया है कि ताजमहल पूर्व में तेजोमहालय मंदिर था। यह भगवान शिव का मंदिर है। परिवाद में केन्द्र सरकार, गृह मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और संस्कृति मंत्रालय को प्रतिवादी बनाया गया है। मामले की सुनवाई अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन अभिषेक सिन्हा कर रहे हैं। यह परिवाद आठ अप्रैल, 2015 को दाखिल किया गया था।
बार-बार समय मांगने पर 200 रुपये का जुर्माना
गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार की ओर से अधिवक्ता विवेक शर्मा ने एक बार फिर से समय मांगा। अदालत में प्रार्थनापत्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि अभी केन्द्र सरकार और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से कोई निर्देश नहीं मिला है। इस पर वादी की ओर से अधिवक्ता राजेश कुलश्रेष्ठ ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि जवाब दाखिल करने के लिए बार-बार समय मांगा जा रहा है, जो उचित नहीं है। इस पर अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन अभिषेक सिन्हा ने केन्द्र सरकार पर 200 रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई चार जनवरी, 2018 को होगी।
एएसआई नहीं मानता मंदिर
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने तो अपर सिविल सीनियर डिवीजन की अदालत में जवाब दाखिल कर दिया है। इसमें कहा गया है कि ताजमहल कोई मंदिर नहीं है। ताजमहल का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी प्रिय बेगम मुमताज महल की याद में किया था। अधिवक्ता राजेश कुलश्रेष्ठ ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के इस जवाब को चुनौती दी है।
वादी के अधिवक्ता ने क्या कहा
अधिवक्त राजेश कुलश्रेष्ठ का कहना है कि इसमें रत्तीभर भी संदेह नहीं है कि ताजमहल तेजोमहालय शिव मंदिर है। इसके लिए जरूरी है कि पूरी जांच हो। एक एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया जाए। तेजोमहालय के सभी हिस्सों में वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी हो। ताजमहल के जो हिस्से बंद पड़े हैं, उन्हें सबके सामने खोला जाए और वीडियोग्राफी कराई जाए। इन मामलों पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो