
आगरा। तूफान ने आगरा जनपद में भयंकर तबाही मचाई थी। जनपद में 80 के करीब लोगों की मौत हुई। 11 अप्रैल, दो और नौ मई के बाद फिर से तूफान आने की संभावनाएं हैं। मौसम विभाग का मानना है कि 60 से 70 किलामीटर की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। गरज चमक के साथ छींटें भी पड़ सकते हैं। संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं कि 12 की रात को ये तूफान आ सकता है। 13 और 14 मई को इस तूफान की आशंकाएं भी बनी हुई हैं।
पश्चिमी विक्षोभ के चलते बिगड़ रहा मौसम
आगरा में पिछले कुछ दिनों से मौसम लगातार बदल रहा है। कभी तूज धूप तो कभी आंधी, बरसात आ रही है। तीन बार तेज हवाओं ने आगरा जनपद में कहर बरपाया है। 11 अप्रैल को 130 किलोमीटर के तेज तूफान ने 19 की जान ले ली तो 2 मई को 52 से अधिक मौत हुई। 9 मई को आई आंधी ने भी चार की जीवन लीला समाप्त कर दी। ऐसे में आंधी तूफान दहशत का पर्याय बन गया है। मौसम मौसम विशेषज्ञ डॉ.पवन सिसोदिया का कहना है कि राजस्थान के पास लगातार दबाव वाला क्षेत्र बन रहा है। आगरा और राजस्थान बॉर्डर से गर्म हवाओं के वायु दाब के चलते आंधी और तूफान का केंद्र ये दोनों राज्य बन रहे हैं। पश्चिमी विक्षोम के सक्रिय होने के चलते 12 मई की रात को आंधी तूफान की आशंकाएं बनी हैं। 13 और 14 मई को भी करीब 60 से 70 किलामीटर की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। धूल भरी आंधी से सावधान रहने की जरूरत है।
तूफान के नाम से दहशत में हैं आगरावासी
तीन तूफान ने 80 के करीब लोगों की जान चली गई। इस तूफान ने सैकड़ों पेड़, बिजली के खंभे गिरा गए। सैकड़ों पशु पक्षी मर गए। आज भी कई इलाकों में बिजली के टॉवर गिर जाने से विद्युत व्यवस्था सुचारू नहीं हो सकी है। अब फिर से तूफान आने की आशंकाओं ने लोगों को दहशत में डाल दिया है।
Published on:
11 May 2018 05:06 pm
बड़ी खबरें
View Allआगरा
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
