
आगरा. भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों की संख्या भले ही कम हो रही हो, लेकिन इससे होने वाले नुकसान से लोग आज भी जूझ रहे हैं। कोरोना वायरस के चलते देश भर के व्यापार पर बड़ा असर पड़ा है। कोरोना के चलते पर्यटन कारोबार सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। अब इसके नए वैरिएंट ओमिक्रोन के चलते 31 जनवरी तक अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को स्थगित कर दिया गया है। इस वजह से ताजनगरी में लगातार दूसरा पर्यटन सीजन खराब होना तय माना जा रहा है।
2020 में खराब रहा पर्यटन सीजन
जनवरी 2020 से ही कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते आगरा का पर्यटन कारोबार प्रभावित होना शुरू हो गया था। केंद्र सरकार ने बीते साल 17 मार्च को ताजमहल बंद करा दिया था। इसके बाद देशभर में लॉकडाउन लग गया था। 188 दिनों की रिकार्ड बंदी के बाद जब 21 सितंबर को ताजमहल खुला तो इंटरनेशनल फ्लाइट व टूरिस्ट वीजा सर्विस पर रोक के चलते विदेशी पर्यटकों की ताजनगरी से दूरी बरकरार रही। इन सब कारणों से पिछला पर्यटन सीजन खराब हो गया।
इस साल भी 16 अप्रैल से 15 जून तक ताजमहल बंद रहा। इसके बाद केंद्र सरकार ने 15 दिसंबर से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की शुरुआत की घोषणा की तो ओमिक्रोन का संक्रमण बढ़ने पर फ्लाइटों को होल्ड पर कर दिया था। अब सरकार ने इंटरनेशनल फ्लाइट को 31 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया। ऐसे में पर्यटन कारोबारी ताजनगरी में लगातार दूसरा पर्यटन सीजन खराब होना तय मान रहे हैं। 31 जनवरी के बाद भी फ्लाइटों की शुरुआत कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों में कमी आने पर ही संभव होगी।
मुश्किल में पर्यटन कारोबार
बता दें कि शहर में छोटे-बड़े करीब 500 होटल हैं। इसके अलावा पेइंग गेस्ट हाउस और रेस्टोरेंट्स भी पर्यटन कारोबार से ही मुनाफा कमाते हैं। करीब 1500 गाइड पर्यटन कारोबार पर आश्रित हैं जो कि अब मुश्किल में हैं। इसके अलावा 150 के करीब टूर आपरेटर हैं। प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से करीब पांच लाख लोग पर्यटन कारोबार पर आश्रित हैं। हैंडीक्राफ्ट कारोबार भी पर्यटन कारोबार पर ही आश्रित है।
बताया जा रहा है कि कोरोना से पूर्व करीब पांच हजार करोड़ का पर्यटन कारोबार और 2500 करोड़ रुपये का हैंडीक्राफ्ट कारोबार का वार्षिक टर्नओवर था। लेकिन कोरोना और ओमिक्रोन के चलते ताजनगरी में पर्यटन सीजन का खराब होना तय माना जा रहा है।
Published on:
12 Dec 2021 05:52 pm
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