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सड़क दुर्घटनाओं में हर वर्ष मर रहे डेढ़ लाख लोग, बचाव के लिए करने हैं ये उपाय

इंटरनेशन कॉलेज ऑफ सर्जन्स (इंडियन सेक्शन), सेल्सा व एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ आगरा की दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ।

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आगरा

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Dhirendra yadav

May 12, 2018

International College of Surgeons

International College of Surgeons

आगरा। भारत में रोड एक्सीडेंट में हर वर्ष डेढ़ लाख और रेलवे ट्रैक पर 25-30 हजार लोग जान गवा देते हैं, जिनमें लगभग 70 फीसदी 20-45 वर्ष के युवा और 6 फीसदी किशोर होते हैं। भारत में होने वाली सभी दुर्घटनाओं में हर साल 5 लाख लोग मर जाते हैं। यह जानकारी दिल्ली एम्स ट्रोमा सेंटर के प्रो. संदीप कुमार व प्रो. सुषमा सागर ने दी। उन्होंने पुष्पांजलि हॉस्पीटल में इनरनेशनल कॉलेज ऑफ सर्जन्स (इंडियन सेक्शन), सोसायटी ऑफ एंडोस्कोपिक एंड लैप्रोस्कोपिक सर्जन्स ऑफ आगरा (सेल्सा) व एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ आगरा द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में प्रिवेंशन ऑफ ट्रोमा, इनिशियर एसेसमेंट ऑफ ट्रोमा विक्टिम पर व्याख्यान दिया।

ये दी जानकारी
उन्होंने बताया कि दुर्घटना में एक व्यक्ति के मरने पर 60-70 लोग घायल होते हैं। इनमें 20-30 प्रतिशत गम्भीर रूप से घायल होते हैं, जिनकी इलाज के दौरान मृत्यु या फिर अपंग हो सकते हैं। रोकथाम के लिए तीन स्तर पर काम करने की जरूरत है। सड़क दुर्घटना में सिर में चोट न आए, इसके लिए हेलमेट, सीट बेल्ट और एल्कोहल का सेवन करने के बाद वाहन ना चलाएं। वाहन की स्पीड भी कम होनी चाहिए। ऐसे में सड़क दुर्घटना हो जाती है तो घायल को प्री हॉस्पिटल केयर मिलनी चाहिए। भारत के 29 राज्यों में से 20 राज्यों में यह सुविधा, एंबुलेंस सहित ट्रेंड स्टाफ द्वारा दी जा रही है। घायल के हॉस्पिटल में पहुंचने पर इन हॉस्पिटल केयर मिलनी चाहिए। हॉस्पिटल में ट्रेंड स्टाफ होना चाहिए, ट्रॉमा के केस में डॉक्टरों की टीम काम करे, इसके लिए एबीसीडी एप्रोच होनी चाहिए। सबसे पहले एयरवेज (सांस लेने वाली नलिकाएं) को क्लियर करें, ब्रीथिंग (सांस नहीं आ रही है तो मुंह से सांस देना), सर्कुलेशन (ब्लड सर्कुलेशन देखें) और डिसएबिलिटी (कोई अंग तो नहीं कट गया है, इसे चेक करें) । इस तरह ट्रीटमेंट करने पर दुर्घटना से हो रही मौतों में काफी कमी आ सकती है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. यूएस धालीवाल ने किया उद्घाटन
कार्यशाला का उद्घाटन एसोसिएसन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. यूएस धालीवाल, कार्यशाला के चेयरपर्सन डॉ. एसडी मौर्या, एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्रा, डॉ. सेंथुल कुमार ने सम्मलित रूप से दीप जलाकर किया। इस अवसर पर डॉ. ज्ञान प्रकाश, डॉ. एचएल राजपूत, डॉ. सुनील शर्मा, डॉ. अमित श्रीवास्तव, डॉ. समीर कुमार, डॉ. अपूर्व चतुर्वेदी, डॉ. भूपेन्द्र प्रसाद, डॉ. संदीप कुमार, डॉ. जगवीर सिंह, डॉ. डीपी सिंह, डॉ. श्वेतांक प्रकाश, डॉ. अंकुर बंसल, डॉ. अनुभव गोयल, डॉ. उत्कर्ष, डॉ. संदीप गुप्ता आदि मौजूद थे। दिल्ली मैक्स हॉस्पीटल से बेरिएट्रिक सर्जरी के लैप्रोस्कोपिक ऑपरेसन का भी लाइव टेलीकास्ट कांफ्रेंस हॉल में किया गया।