
sushma swaraj File Photo
आगरा। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party-BJP) की दिग्गज नेता, पूर्व विदेश मंत्री (Ex Foreign Minister) और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री रह चुकीं सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) का 67 साल की उम्र में निधन हो गया। मंगलवार रात अचानक उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद एम्स (AIMS) लाया गया, लेकिन यहां चिकित्सक उन्हें बचा नहीं सके। सुषमा के निधन से पूरा देश स्तब्ध और शोकमय है। सुषमा स्वराज एक अनुभवी राजनीतिज्ञ होने के साथ शानदार व्यक्तित्व वाली महिला थीं।
राजनीतिक कॅरियर के दौरान पांच बार आयीं आगरा
अपने राजनीतिक कॅरियर के दौरान सुषमा स्वराज का पांच बार आगरा (Agra) आना हुआ। सबसे पहले वे 1988 में कोठी मीना बाजार में आयोजित भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में आयी थीं। इसके बाद वर्ष 1996 में रुई की मंडी में आयोजित चुनावी सभा में आयीं। तीसरी बार वर्ष 1998 में वे निजी कार्यक्रम में शामिल होने आगरा आयी थीं। वर्ष 2014 में वे पचकुइयां भवन में नीरज जी के कार्यक्रम कारवां गुजर गया में शामिल हुईं और एक गीत गाया। आखिरी बार वे आठ अप्रैल 2019 में सींगना में आयोजित कार्यक्रम शामिल हुई थीं और ब्रज के आईटी सेल के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर उन्हें टिप्स दिए थे।
अनुशासन का कड़ाई से करती थीं पालन
विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल के मुताबिक सुषमा स्वराज अनुशासन का बहुत कड़ाई से पालन करती थीं। इसका उदाहरण उन्होंने आगरावासियों के सामने भी पेश किया। वर्ष 1996 में रुई की मंडी में चुनावी सभा होनी थी। उस सभा को सुषमा स्वराज को भी संबोधित करना था। वे जैसे ही मंच पर चढ़ीं, हाथ में माइक लिया और अपनी घड़ी देखी। घड़ी में पांच बजते देख उन्होंने माइक छोड़ दिया और हाथ जोड़कर बिना बोले ही चली गईं क्योंकि पांच बजे के बाद बोलना आचार संहिता का उल्लंघन होता।
वीआईपी कोटे से आगरा के लोगों को भिजवाया हज यात्रा पर
वर्ष 1999 में आगरा के तमाम मुस्लिम समुदाय के लोग हज यात्रा से वंचित रह गए थे। उस समय सुषमा स्वराज मंत्री थीं। लोगों ने उनसे मदद मांगी तो वीआईपी कोटे से उन्होंने आगरा के लोगों को हज यात्रा पर भेजा।
Published on:
07 Aug 2019 12:16 pm
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