
आगरा। शहर को स्मार्ट सिटी बनाया जाना है। योगी सरकार ने बजट 2018.19 का बजट पेश किया। जिसमें आगरा सहित कई अन्य शहरों को स्मार्ट सिटी योजना में शामिल करने की बात कही। आगरा को स्मार्ट सिटी बनाने के विजन में पत्रिका ने आगरावासियों से बातचीत की, उन्होंने कहा कि आगरा को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए कितने ख्वाब देखे गए हैं, कितने पापड़ बेले हैं। कितने ही काम होने हैं। इन सब कामों के बीच एक काम हो जाए तो स्मार्ट सिटी का सपना सार्थक हो जाए। यह काम है शहर की कोई भी शहर स्मार्ट सिटी ईंट पत्थरों की ऊंची इमारतें खड़ी करने से नहीं बन सकता। पहले हमें स्मार्ट सिटीजन बनना होगा। अपने व्यवहार और आदतों को बदलना होगा। हमारे पास बेहतर सड़कें, पानी और बिजली की सुविधा हो, इसके साथ हमें इनके स्मार्ट तरीके से इनके उपयोग के बारे में सीखना होगा। अन्यथा स्मार्ट सिटी सिर्फ सपना ही रह जाएगा।
नियम नहीं अपनाते लोग
भाजपा नेता केके भारद्वाज का कहना है कि हम दिल्ली में प्रवेश करते ही सीट बेल्ट लगा लेते हैं। मेट्रो ट्रेन में मूंगफली का छिलका नहीं डालते। यही नियम अपने शहर में क्यों नहीं अपनाते। इसके लिए हमें अपनी सोच बदलनी होगी। सिर्फ अपने शहर को नहीं बल्कि देश की स्मार्ट बनाने की सोच को विकसित करना होगा।
पूर्व मेयर इंद्रजीत आर्य ने कहा कि शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए पढ़े-लिखे लोगों को भी सड़क पर कचरा फेंकने और पानी बर्बाद करने जैसी आदतों में बदलाव लाना होगा। स्मार्ट पब्लिक के सहयोग के बिना नहीं बन सकता। वहीं लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष राकेश गर्ग ने कहा कि हमसे विदेशियों ने सीखा और आज हम उन से सीख रहे हैं। हमसे कहां गलती हुई, इस पर विचार करना होगा।
Published on:
16 Feb 2018 01:24 pm
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