दरवेश यादव हत्याकांड के मामले में इंस्पेक्टर सतीश यादव के बयान दर्ज हुए। इंस्पेक्टर सतीश यादव ने बताया कि दरवेश यादव से उनका परिचय वर्ष 2012 में हुआ था। उस समय वे मेरठ में तैनात थे। समय के साथ ही दोनों के परिवार भी बेहद घनिष्ठ हो गए। जब उनका तबादला आगरा हुआ, तो दोनों के परिवारों की नजदीकियां और भी बढ़ गईं। सतीश यादव ने बताया कि वे कई बार दरेवश के साथ मनीष शर्मा के घर पर भी गए थे। इंस्पेक्टर ने बताया कि आगरा में उनके दांतों का इलाज चल रहा है, जिसके चलते 12 जून, 2019 को वे आगरा आए थे। दरवेश यादव आगरा आईं हुईं थीं, इसलिए उन्हें बधाई देने दीवानी परिसर में चैम्बर में गए। दरवेश से मिठाई खाने के बाद वह चैम्बर से बाहर निकलकर चले गए। कुछ दूर जाने के बाद ही ताबड़तोड़ गोलियां चलने की आवाज सुनकर चैम्बर में पहुंचे। वहां दरवेश और मनीष दोनों को खून से लथपथ हालत में पड़ा देखा। वह लोगों के साथ दरवेश को अस्पताल लेकर गए थे। वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सीओ हरीपर्वत गोपाल चौधरी के अनुसार इंस्पेक्टर सतीश यादव ने गुरुवार को अपने बयान दर्ज कराए।
पुलिस सूत्रों की मानें तो दरवेश यादव का हौसला बढ़ाने वाले लोग हत्यारोपित अधिवक्ता मनीष शर्मा को कतई पसंद नहीं थे। इसलिए उनके और दरवेश के बीच दूरी कायम रखने की कोशिश करता था। मनीष चाहता था कि दरवेश हर मामले में उससे मशविरा करें और उसे ही प्राथमिकता दें। इसीलिए दरवेश के जिन लोगों से अच्छे संबंध थे, मनीष उन सबको नापंसद करता था। पुलिस सूत्रों की मानें तो सतीश यादव भी उनमें से एक थे।
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अध्यक्ष दरवेश यादव की हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में सीबीआई से जांच कराने की मांग वाली याचिका पर शीर्ष कोर्ट 25 जून से सुनवाई शुरू करेगी। याचिका में दलील दी गई है कि महिला वकीलों की सुरक्षा खतरे में है, लिहाजा उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने वकील इंदू कौल की याचिका को स्वीकार करते हुए इस मामले को गंभीर बताया है।
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की पहली महिला अध्यक्ष दरवेश यादव की हत्या के मामले में उनके परिजन भी चाहते हैं कि जांच सीबीआई से कराई जाए। दरवेश के भतीजे पार्थ यादव ने कहा कि पुलिस हम लोगों से ही बार-बार सवाल जवाब कर रही है। वहीं दो आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए न तो दबिश दी गई है और न ही कोई कार्रवाई हो रही है। उनका कहना है कि हमारे परिचित सतीश यादव को बार-बार पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है और आरोपियों को बख्शा जा रहा है। भतीजे सनी ने कहा कि मामले को दबाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
सुबह नौ बजे भगवान टॉकीज चौराहे पर दरवेश यादव का स्वागत हुआ।
सुबह 9.30 बजे दरवेश यादव कचहरी में पहुंची, वहां स्वागत हुआ।
दोपहर 1.30 बजे कुछ अधिवक्ताओं ने मनीष को फोन कर आने के लिये कहा।
दोपहर सवा दो बजे मनीष शर्मा कचहरी में पहुंच गया, दरवेश का स्वागत किया।
दोपहर 2.45 बजे अधिवक्ता अरविंद मिश्रा के चेंबर पर गोलीकांड हो गया।
दोपहर 2.55 बजे कचहरी में तैनात पुलिस मौके पर पहुंच गई।
दोपहर 3.05 पर डॉक्टरों ने दरवेश यादव को मृत घोषित किया।
दोपहर 3.20 बजे एडीजी आनंद देहली गेट स्थित हॉसपीटल पहुंचे।
शाम 5.30 बजे आरोपी अधिवक्ता मनीष शर्मा को गुरुग्राम रेफर किया गया।
रात 8.30 बजे पोस्टमार्टम के बाद दरवेश यादव का शव परिजनों को सौंपा गया।
8.50 बजे परिजन दरवेश यादव का शव लेकर एटा के लिए रवाना हो गए।
1. उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अध्यक्ष दरवेश यादव का 13 जून को उनके पैतृक गांव चांदपुरा में अंतिम संस्कार किया गया।
3. कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने श्रद्धांजलि दी और कहा कि घटना की जांच होगी। भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिये कोर्ट परिसरों के साथ अधिवक्तओं के चैंबर को अतरिक्त सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं।