
Solar Eclipse 2019
जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य की चमकती सतह चंद्रमा के कारण दिखाई नहीं पड़ती है। चंद्रमा से सूर्य ढंकने लगता है तो इस स्थिति को सूर्यग्रहण कहते हैं। इस बार 26 दिसंबर को वर्ष 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण है। भारतीय समयानुसार Surya grahan सुबह 08:05 से लेकर सुबह 11:05 बजे तक रहेगा। इस बार का सूर्य ग्रहण वलयाकार है। जानिए क्या होता है वलयाकार सूर्य ग्रहण।
तीन तरह का होता है सूर्य ग्रहण
1. जब सूर्य का कुछ हिस्सा चंद्र से ढंकता है तो उसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं
2. जब सूर्य पूरी तरह चंद्र के पीछे छिप जाता है तो इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या को ही होता है।
3. तीसरे और अंतिम प्रकार के सूर्य ग्रहण को वलयाकार सूर्यग्रहण कहा जाता है। इस प्रकार के ग्रहण के समय चंद्रमा सूर्य को इस प्रकार से ढंकता है, कि सूर्य का केवल मध्य भाग ही छाया क्षेत्र में आता है। सूर्य के बाहर का क्षेत्र प्रकाशित होने के कारण कंगन के समान प्रतीत होता है। कंगन आकार बनने के कारण इस तरह के ग्रहण को वलय सूर्यग्रहण कहा जाता है।
आज शाम से लग जाएंगे सूतक
सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण दोनों से कुछ घंटे पहले का समय ऐसा होता है जब प्रकृति संवेदशनशील हो जाती है, ऐसे में कुछ नकारात्मक स्थितियां पैदा हो जाती हैं जिनसे अनहोनी की आशंका बढ़ जाती है। इस समय को सूतक काल कहा जाता है। सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। भारतीय समयानुसार सूतक काल 25 दिसंबर की रात 8 बजे से शुरू हो जाएगा। ऐसे में कुछ बातों से बचने की हिदायत दी जाती है...
1. सूतक लगने के बाद सिलाई कढ़ाई का काम न करें। गर्भवती महिलाएं विशेष ध्यान रखें।
2. सूतक काल में भोजन से परहेज करें, लिक्विड डाइट ले सकते हैं। गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए यह नियम लागू नहीं होता है।
3. खाना न बनाएं। चाकू, कैंची आदि का प्रयोग न करें।
4. खुली आंखों से ग्रहण न देखें, यदि देखना ही है तो एक्सरे की मदद ले सकते हैं।
5. झूठ, फरेब और बुरे विचार दिमाग में न आने दें। माना जाता है कि इस समय में किये गए अपराधों के पाप कई गुना ज्यादा होते हैं।
6. खाने की वस्तु में तुलसी का पत्ता डालें। लेकिन उसे सूतक से पहले ही तोड़ लें। सूतक लगने के बाद न तोड़े।
Published on:
25 Dec 2019 02:48 pm
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