मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार वत्स ने कहा कि ज्यादातर युवा वर्ग डिप्रेशन के चलते आत्महत्या कर रहे हैं। इसके अलावा आजकल बच्चे भी डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं, जिसका प्रमुख कारण इन्टरनेट और मोबाइल है। बच्चे मैदान में गेम खेलने के बजाय मोबाइल पर गेम खेलना ज्यादा पसन्द करने लगे हैं। माता पिता बच्चों पर क्षमता से अधिक बोझ डाल रहे है। जबकि बच्चों को उनकी क्षमता के अनुसार ही कार्य कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों पर किसी चीज के लिए दबाव बनाना भी उनको डिप्रेशन की चपेट में ले जा सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों का ध्यान रखे पर दबाव नहीं बनाये।डिप्रेशन की आखिरी स्टेज ही आत्महत्या का कारण बनती है। डिप्रेशन के शिकार बच्चों का इलाज कराये।
जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डाॅ. एसपी गुप्ता ने कहा कि आत्महत्या इस समय का सबसे ज्वलन्त विषय है। इस समय सबसे ज्यादा आत्महत्या 15 से 29 वर्ष के युवा कर रहे हैं। पूरे विश्व में 8 लाख लोग प्रत्येक वर्ष आत्महत्या कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि आत्महत्या जैसे विषय पर पूरे विश्व में मंथन चल रहा है। डाॅ. गुप्ता ने कहा कि प्रयास यह किया जाये कि अगर हमारे अगल-बगल कोई व्यक्ति निराशा जनक बाते कर रहा है या फिर उसमें अजीब तरीके बदलाव हो रहे है तो तत्काल उसकी मदद की जाये। रैली का उद्देश्य सामाजिक स्तर पर जागरुकता फैलाना है।
उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी और नोडन मानसिक रोग डाॅ. पीके शर्मा ने कहा कि आत्महत्या वर्तमान समय में एक ज्वलन्त समस्या हो गयी है। आजकल की लाइफ स्टाइल भी आत्महत्या का बहुत बड़ा कारण बनता जा रहा है। लोगों में काम को लेकर काफी मानसिक दबाव रहता है। जिससे वह डिप्रेशन का शिकार हो जाते है। आत्महत्या के काफी कारण है। जैैैसे किसी प्रकार की असफलता व्यक्ति को पहले डिप्रेशन में ले जाती है और धीरे-धीरे लोग आत्महत्या की ओर प्रेरित हो जाते है। उन्होंने कहा कि लोग मानसिक रोगी का उपचार कराने की बजाय तांत्रिकों के चक्कर में पड़ जाते हैं। जो पूर्णतः गलत है। उन्होंने लोगों से अपील की, कि लोग मानसिक रोगी का इलाज कराये।
रैली के दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. संजीव वर्मन, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एसके गुप्ता, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आर के अग्निहोत्री उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. पीके शर्मा, जिला मलेरिया अधिकारी आर के दीक्षित, सीएमएस जिला अस्पताल डाॅ. सतीश वर्मा सहित आगरा कालेज से राष्ट््रीय सेवा योजना के कैडेट, सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आशा, एएनएम आदि मौजूद रही।