
Yadav Mahasabha
आगरा। भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बड़ा झटका लगने वाला है। समाजवादी पार्टी के कट्टर वोटर माने जाने वाले यादवों को भाजपा के पक्ष में करने की जो प्लानिंग बनाई गई है, उसका तोड़ समाजवादी पार्टी ने निकाल लिया है। अब अखिल भारतीय यादव महासभा द्वारा भाजपाइयों के मंसूबों को ध्वस्त किया जायेगा। अखिल भारतीय यादव महासभा के युवा महानगर अध्यक्ष आशीष यादव ने बताया कि समाज से अपील की जा रही है कि किसी हालत में किसी के बहकावे में न आयें।
ये है भाजपा की प्लानिंग
चाचा शिवपाल सिंह यादव के बाद बीजेपी द्वारा समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका देने की तैयारी की जा रही है। बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए यादव सम्मेलन कराने जा रही है। इस सम्मेलन के सहारे बीजेपी अब सपा के कोर वोट बैंक को अपने पक्ष में करना चाहती है। जानकारी के मुताबिक 15 सितंबर को बीजेपी लखनऊ में यादव कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित कर रही है। इस यादव सम्मेलन को कराने का मुख्य उद्देश्य सपा को कमजोर करकर और यादवों को अपने पक्ष में करना है।
ये बोले पदाधिकारी
अखिल भारतीय यादव महासभा के युवा महानगर अध्यक्ष आशीष यादव ने बताया कि भाजपा को किसी भी तरह उसके मंसूबों में कामयाब नहीं होने दिया जायेगा। चार वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री यादवों को भूल गये। एक भी कद्दावर पद यादव समाज के व्यक्ति को नहीं दिया गया और नाहीं यादवों के लिए कोई कार्य हुआ। भाजपा सरकार में यादवों का जमकर उत्पीड़न हुआ, फिर चाहे वो केन्द्र हो या फिर उत्तर प्रदेश और अब जब चुनाव आ गये हैं, तो यादवों को लुभाने के लिए ये चाल चली जा रही है।
यूपी में यादवों की अहम भूमिका
यदि उत्तर प्रदेश की बात करें, तो यादव की किसी भी पार्टी को सत्ता दिलाने में अहम भूमिका मानी जाती है। उत्तर प्रदेश में करीब 8 फीसदी यादव जाति के मतदाता हैं, जबकि ओबीसी समुदाय की जनसंख्या में यादव वोट बैंक 20 फीसदी के करीब है।
Published on:
09 Sept 2018 01:29 pm
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