अहमदाबाद

Ahmedabad: पाटीदारों की चिंतन बैठक, स्थानीय निकाय में ईडब्ल्यूएस, बकाया केस वापस लेने की मांग

-बैठक में पूर्व पास संयोजक के समर्थक का हंगामा, ऑनलाइन गेम, सूदखोरी,ऑनलाइन सट्टे को बताया गंभीर समस्या

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Ahmedabad. गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन को 10 साल पूरे होने वाले हैं। ऐसे में इस आंदोलन को पूरे राज्य और देशभर में सुर्खियों में लाने वाली पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के कई पूर्व संयोजकों की उपस्थिति में अहमदाबाद में पाटीदार चिंतन बैठक हुई। इसमें आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को स्थानीय निकायों में भी ईडब्ल्यूएस आरक्षण देने की मांग की गई। आठ प्रस्तावों-मुद्दों पर चर्चा हुई।

पाटीदार युवाओं के अहम संगठन सरदार पटेल ग्रुप (एसपीजी) के भी कुछ सदस्यों की उपस्थिति रही। बैठक में कुछ पूर्व पास संयोजकों को नहीं बुलाए पर हंगामा भी हुआ। इसमें अहमदाबाद के पूर्व पास संयोजक जयेश पटेल के एक समर्थक ने आपत्ति दर्ज कराई। हंगामा किया। बैठक में हार्दिक पटेल के बाद पास के मुख्य चेहरा बने अल्पेश कथीरिया, महिला चेहरा रहीं गीता पटेल, वरुण पटेल सहित कई सदस्य उपस्थित रहे।

इन आठ प्रस्तावों पर हुई चर्चा

पाटीदार आंदोलनकारियों की ओर से इस बैठक में हुई चर्चा के बारे में वरुण पटेल और पूर्विन पटेल ने मीडिया में बयान जारी किया। इस बयान में कहा कि 8 प्रस्ताव-मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें पहला मुद्दा विवाह पंजीकरण में माता-पिता की सहमति को अनिवार्य बनाना है। दूसरा मुद्दा ऑनलाइन गेम पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने, ऑनलाइन गेमिंग-सट्टा व सूदखोरी की समस्या पर सरकार को और गंभीरता बरतने की जरूरत है। गोंडल में पाटीदार और स्थानीय नेताओं के बीच बयानबाजी और उसके बाद की परिस्थिति पर रणनीति बनाकर आगे बढ़ने पर चर्चा हुई। बिन अनामत आयोग में चैयरमैन की नियुक्ति की मांग की गई। सबसे अहम स्थानीय निकाय चुनावों में ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू करने की मांग की गई। पाटीदार आंदोलन के दौरान पाटीदार युवाओं पर दर्ज केसों में से जो केस वापस लेने बाकी हैं, वे जल्द लिए जाएं ऐसी मांग की गई। करमसद और सरदार पटेल स्टेडियम के नामकरण पर चर्चा हुई। युवा स्वावलंबन योजना में सुधार करने की भी मांग उठी।

हार्दिक पटेल ने भी की पोस्ट

पाटीदारों की चिंतन बैठक के बीच पाटीदार आंदोलन का मुख्य चेहरा रहे हार्दिक पटेल ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा की। इसमें उन्होंने लिखा कि पाटीदार आंदोलन के समय जो युवा एकजुट हुए थे, उनका मूल कारण शिक्षा और नौकरी में होने वाला अन्याय था, इसी कारण से आंदोलन सफल हुआ। पाटीदार समाज में अभी मूल प्रश्न शहरीकरण का है। सूदखोरों की प्रताड़ना, ऑनलाइन गेमिंग, बेटियों के भाग कर विवाह करने की घटनाएं सभी समाज में हैं और इसके लिए केवल पाटीदार ही नहीं सभी समाज के युवाओं को सामूहिक प्रयास करने के लिए एकजुट होना चाहिए। हार्दिक के इस बयान पर उनके ही कई पूर्व साथियों ने नाराजगी व्यक्त की। ज्ञात हो कि हार्दिक पटेल अभी विरमगाम से भाजपा विधायक हैं।

हार्दिक सहित कई संयोजकों को रखा दूर

अहमदाबाद के पूर्व पास संयोजक जयेश पटेल ने कहा कि अहमदाबाद में हुई पाटीदार चिंतन बैठक से उन्हें ही नहीं हार्दिक पटेल सहित कई संयोजकों को दूर रखा गया। ऐसे में सवाल उठता है कि यह बैठक समाज हित के लिए थी या व्यक्तिगत हित के लिए? समाज को इस बारे में सोचने की जरूरत है।

Published on:
28 Jun 2025 10:37 pm
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