पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर के अनुसार 1 अप्रैल से 21 अगस्त तक पश्चिम रेलवे ने 5033 करोड़ रुपए की कमाई की, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 53 फीसदी अधिक है। जहां यात्री, पार्सल और टिकट जांच खंडों से राजस्व में 100 फीसदी से अधिक की वृद्धि हासिल की है। जहां इस अवधि में पश्चिम रेलवे पर यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या 143 मिलियन रही, जो पिछले वर्ष के 9.93 मिलियन के मुकाबले कई गुना अधिक रही है। वहीं पश्चिम रेलवे ने गैर- किराया राजस्व श्रेणी में हासिल 4.16 करोड़ रुपए की आवक की, जो भारतीय रेल के सभी जोनों में सबसे अधिक रहा है।
ठाकुर ने बताया कि कुल राजस्व का करीब 80 फीसदी माल ढुलाई से हुआ है। नीतियों में बदलाव और आक्रामक विपणन प्रयासों से 4030 करोड़ रुपये का राजस्व माल ढुलाई से प्राप्त हुआ है, जिसने कुल राजस्व का लगभग 80 फीसदी योगदान दिया है। वहीं पश्चिम रेलवे ने अपनी 285 पार्सल विशेष ट्रेनों से 1 लाख टन से अधिक वस्तुओं का परिवहन किया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाएं, चिकित्सा उपकरण, मछली, दूध मुख्य रूप से शामिल है।
ठाकुर ने बताया कि पश्चिम रेलवे द्वारा कुल 14,944 रेक मालगाडिय़ां चलाई गई हैं और पिछले वर्ष की इसी अवधि में 25.86 मिलियन टन की तुलना में 32.56 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं को ढोया गया है। 31,151 मालगाडिय़ों को अन्य क्षेत्रीय रेलवे के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें से 15,595 ट्रेनों को सौंपा गया और 15,556 ट्रेनों को विभिन्न इंटरचेंज बिंदुओं पर टेक ओवर किया गया। साथ ही 72 मिल्क स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं।
आधी हिस्सेदारी अहमदाबाद मंडल की
वहीं अहमदाबाद मंडल ने माल ढुलाई से 1873.64 करोड़ की कमाई की, जिसमें पश्चिम रेलवे की कमाई का 46.49 फीसदी हिस्सा अहमदाबाद का है। पार्सल स्पेशल ट्रेन (पीएलएस) से 33.14 करोड़ की कमाई की, जो 88.44 फीसदी है। हालांकि अहमदाबाद मंडल में सिर्फ 3.79 मिलियन यात्रियों ने ेसफर किया। वहीं पश्चिम रेलवे का जहां गैर किराया राजस्व 4.16 करोड़ था, जबकि अहमदाबाद में गैर किराया राजस्व 0.86 करोड़ रुपए हुआ।