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ऑपरेशन सिंदूर से द्वेष रख डिफेंस से जुड़ी वेबसाइट पर किए साइबर अटैक, एटीएस ने दो को पकड़ा

-गुजरात में साइबर आतंकवाद का पहला मामला दर्ज, नडियाद से गिरफ्तार किए गए आरोपी

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Gujarat ATS

Ahmedabad. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रेल को हुए आतंकी हमले के जवाब में 7 मई को शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर से द्वेष रख भारत की डिफेंस से जुड़ी वेबसाइटों पर साइबर अटैक करने वाले दो आरोपियों को गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की टीम ने पकड़ा। इसमें से आरोपी जसीम अंसारी (18) को गिरफ्तार किया गया जबकि दूसरे नाबालिग आरोपी से पूछताछ जारी है। एटीएस ने इनके विरुद्ध आईटी एक्ट की धारा-66 एफ (साइबर आतंकवाद) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। यह एटीएस का इस साल का संभवत: अब तक का साइबर टेररिज्म का पहला मामला है।

केंद्र- राज्य की 20 से ज्यादा वेबसाइट पर साइबर अटैक

एटीएस के उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) सुनील जोशी ने बताया कि खेड़ा जिले के मुख्यालय नडियाद शहर के मजूरगाम निवासी जसीम ने ऑपरेशन सिंदूर की खबर सामने आने पर 7 मई को भारत सरकार और अन्य राज्य सरकारों की 20 से ज्यादा वेबसाइटों पर साइबर अटैक (डीडीओएस अटैक) किए। इन वेबसाइट को डाउन कर उसका स्क्रीन शॉट एनोनसेक नाम के टेलीग्राम चैनल के ग्रुप में पोस्ट किया। उस पर देश विरोधी नारे लिखे, जिसमें-इंडिया मे हेव स्टार्टेड इट, बट वी विल बी द वन्स टू फिनिश इट- का नारा शामिल है। इसने अप्रेल महीने में भी वित्तीय क्षेत्र, नागरिक उड्डयन क्षेत्र, शहरी विकास संस्था और राज्य सरकारों की वेबसाइट पर 50 से ज्यादा साइबर अटैक किए थे।

आरोपी की कट्टर मानसिकता, ऑनलाइन सीखी हैकिंग

जोशी ने बताया कि आरोपी जसीम कट्टर मानसिकता वाला है जो कट्टरवाद को बढ़ावा देने वाले ऑनलाइन व उसके जैसे लोगों के ग्रुपों से भी जुड़ा है। 12वीं फेल आरोपी ने यूट्यूब से पायथन लेंग्वेज, पायडरोइड, टेरमूक्स टूल सीखा। एक वेबसाइड से साइबर अटैक के टूल डाउनलोड कर उसे क्लोन कर उपयोग करता था।

मोबाइल से मिले अहम सबूत, स्क्रीनशॉट

ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकारी वेबसाइटों पर साइबर अटैक की घटनाएं बढ़ने पर एटीएस की साइबर टीम लगातार नजर रख रही थी। ऐसे में सूचना मिली कि नडियाद से एक टेलीग्राम ग्रुप में देश विरोधी पोस्ट, वेबसाइट पर साइबर अटैक से जुड़ी जानकारी साझा हो रही है। इसके बाद नडियाद से जसीम और नाबालिग को पकड़ा गया। आरोपियों के मोबाइल फोन लेकर एफएसएल में भेजे गए और एफएसएल जांच रिपोर्ट में कई अहम सबूत हाथ लगे हैं। वेबसाइट डाउन करने के स्क्रीनशॉट भी मिले हैं। आरोपी छह माह से सक्रिय हैं। इन्होंने बायटेक्सप्लोइट नाम की आईडी में एक्सप्लोइटएक्सएसईसी नाम से चैनल बनाया फिर एक अन्य आईटी से बैकअप चैनल बनाया और नाम बदलकर एनोनसेक किया।