घर-घर बीमारी दस्तक के बाद लोग अस्पतालों की ओर रुख करने को विवश हो गए। बताया गया कि बुधवार सुबह चार बजे फतेहपुर चौरा के समीप रहने वाले सिद्दीकबेग मीरजा की 6 वर्षीय पुत्री आफ्रिन अचानक बीमार हो गई। लगातार दस्त होने पर उसके इलाज का प्रबंध किया गया, लेकिन इससे पहले सुबह 7 बजे उसकी मौत हो गई। पूरे क्षेत्र मेंंं पिछले तीन-चार दिनों के दौरान बीमारी ने गंभीर रूप धारण कर लिया। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार दो दिनों में 43 लोग उल्टी-दस्त से पीडि़त हुए हैं।
पानी की लाइन में रिसाव ढूढ़कर उसकी मरम्मत भी की गई। हाल शहर के निजी और सरकारी अस्पतालों में मरीजों को भर्ती कराया गया है। कई लोगों के ठीक होने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी देकर घर भेज दिया गया। हालांकि विभाग ने एहतियात के तौर पर उनकी निगरानी जारी रखी है। वहीं प्रभावित घरों में लोगों को क्लोरीन के टेब्लेट बांटे गए हैं। फतेहपुर समेत अन्य क्षेत्रों में बीमारी फैलने की खबर से पालिका प्रमुख आरतीबेन पटेल, पार्षद महंमदबेग मीरज, फरजानाबेग मीरजा आदि ने क्षेत्र का मुआयना किया।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मरीजों के दस्त के नमूने लेकर प्रयोगशाला में भेजा है। रिपोर्ट के बाद पता चलेगा कि यह सामान्य उल्टी-दस्त है या कोलेरा है। रविवार को क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की 6 अलग-अलग टीम वाघरीवास, नवीनगरी और फतेहपुर चोरा के समीप सर्वे में जुट गई है। विभाग के अनुसार सोमवार को उल्टी-दस्त के 8 केस, दस्त के 11 और बुखार के दो केस मिले हैं। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की 22 टीम ने राजा मोहल्ला, फतेहपुर, वणकरवास, नवी नगरी क्षेत्र में सर्वे मेें जुटी रही। सर्वे में 12000 से अधिक लोगों को जांच के दायरे में लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिस क्षेत्र में बीमारी फैली है, वहां के 586 घरों में 3000 लोगों की जांच की गई। घरों में लोगों को क्लोरीन की 2200 गोलियां दी गईं। 50 से अधिक ओआरएस के पाउच दिए गए। इस क्षेत्र से पानी के 80 नमूने लेकर जांच के लिए भेजा गया है। हालांकि सभी नेगेटिव आए हैं।