गांधीनगर. गुजरात विधानसभा सत्र के दूसरे और अंतिम दिन गुरुवार को सदन हंगामेदार रहा। सदन में लम्पी वायरस और निकाय चुनाव आरक्षण का मुद्दा छाया रहा। जहां लम्पी वायरस के मुद्दे पर विपक्ष के कई सदस्यों ने वॉक आउट किया। वहीं निकाय चुनाव में आरक्षण के मुद्दे पर काफी हंगामा हुआ। कई विधायक नारेबाजी करते और पर्चे लहराते हुए वेल में घुस गए। विपक्ष के करीब 10 विधायकों को सदन से ेनिलंबित कर दिया गया।
सदन की शुरुआत में संक्षिप्त काल के दौरान विपक्ष के विधायक परेश धानाणी ने खाद्य तेलों के लगातार बढ़ते दाम को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने सत्ता पक्ष पर सवाल दागते हुए कहा कि महंगाई पर लगाम लगाने में राज्य सरकार विफल रही है। चाहे खाद्य तेल हों या अन्य जीवन जरूरी वस्तुएं हों महंगाई बढ़ती जा रही है। बढ़ती महंगाई से गृहिणी परेशान हैं। महंगाई के सवाल पर विपक्ष विधायकों ने सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश की। उधर, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री नरेश पटेल ने जवाब देते कहा कि गरीबों को नि:शुल्क गेहूं, चावल, दाल, तेल केन्द्र और राज्य सरकार सब्सिडी पर देती है। हमारी सरकार गुजरात में हर माह 71 लाख कार्ड धारकों को नि: शुल्क अनाज दे रही है।
वहीं विपक्षी विधायक पूंजा वंश ने लम्पी वायरस के मुद्दे पर चर्चा की मांग, लेकिन उनकी मांग ठुकरा दी गई तभी विपक्षी विधायकों ने नारेबाजी कर दी। बाद में पूंजा वंश, गेनीबेन ठाकोर, इमरान खेड़ावाला, रघु देसाई समेत कई विधायकों ने सदन से वॉक आउट कर दिया। बाद में पूंजा वंश ने राज्य सरकार पर सवाल दागते कहा कि एक ओर राज्य सरकार संवेदनशीलता की बातें करती है तो दूसरी ओर गाय माता लम्पी वायरस से शिकार हो रही है। लम्पी वायरस के मुद्दे पर सदन में चर्चा से राज्य सरकार कतरा रही है। ऐसा लगता है कि इस मुद्दे को लेकर संवेदनशील नहीं है। लम्पी वायरस से जिन पशुपालकों के मवेशी शिकार हुए हैं उन्हें मुआवजा दिया जाए। साथ ही लम्पी वायरस पर लगाम लगाने के लिए मवेशियों को टीका लगाया जाए। लम्पी वायरस को नियंत्रण लाना चाहिए।
वहीं सदन में विपक्षी विधायकों ने स्थानीय निकाय में 27 फीसदी आरक्षण देने के मुद्दे पर चर्चा करने की मांग, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष नीमाबेन आचार्य ने इस मुद्दे पर चर्चा से इनकार कर दिया। बाद में विपक्षी विधायक हाथ में प्लेकार्ड लहराते हुए नारेबाजी करने लगे और विमल चूड़ास्मा, बलदेव ठाकोर, जिग्नेश मेवाणी, अमरीश डेर समेत दस विधायक वेल में घुस गए। बाद में इन विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई से निलंबित कर दिया।