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आईआईएम-ए: पीजीपी में 5, पीजीपी-एफएबीएम में 10 फीसदी बढ़ी आधी आबादी

नए पीजीपी बैच में 30 फीसदी छात्राएं, एफएबीएम में 46 फीसदी -पीजीपी में 414 छात्रों और पीजीपी-एफएबीएम में 46 छात्रों ने लिया प्रवेश

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IIMA

Ahmedabad. भारतीय प्रबंध संस्थान-अहमदाबाद (आईआईएम-ए) के पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (पीजीपी) और पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन फूड एंड एग्री बिजनेस मैनेजमेंट (पीजीपी-एफएबीएम) कोर्स में आधी आबादी (महिलाओं) की संख्या लगातार बढ़ रही है। बीते साल की तुलना में इस साल पीजीपी में 5 फीसदी और पीजीपी-एफएबीएम में 10 फीसदी छात्राएं बढ़ी हैं। लगातार तीन सालों से छात्राओं की संख्या में इजाफा हो रहा है।

आईआईएम-ए के पीजीपी बैच 2025-27 में 460 छात्रों ने प्रवेश लिया है। इसमें पीजीपी के 62 वें बैच 2025-27 में 414 और पीजीपी-एफएबीएम के 26वें बैच में 46 छात्रों ने प्रवेश लिया है। पीजीपी में 414 में 70 फीसदी छात्र हैं, जबकि 30 फीसदी छात्राएं हैं। पीजीपी एफएबीएम के 46 छात्रों में से 54.35 फीसदी छात्र और 45.65 फीसदी छात्राएं हैं। प्रवेश पाने वाले दोनों कोर्स के 460 विद्यार्थी बुधवार को आईआईएम-ए परिसर पहुंचे। इनकी पढ़ाई के शुभारंभ के लिए समारोह किया गया।पीजीपी के इस बैच में 50 फीसदी छात्र इंजीनियरिंग जबकि 50 फीसदी गैर इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि से हैं। औसत कार्य अनुभव 25 महीने का है। इसमें 27 फीसदी नए और 73 फीसदी कार्यअनुभव वाले छात्र हैं। पीजीपी-एफएबीएम में सभी छात्र कृषि एवं उससे जुड़े क्षेत्र के हैं। इनका औसत कार्य अनुभव 20 माह है। 60 फीसदी नए और 40 फीसदी को कार्य अनुभव है। दोनों कोर्स के छात्रों की औसत आयु 23 साल है।

सहयोग और सहकर्मियों से सीखने पर दें जोर: भास्कर

आईआईएम-ए के निदेशक प्रो.भरत भास्कर ने छात्रों को आपस में सहयोग करने और एक दूसरे से सीखने पर जोर देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि आप वाणिज्य, कला , इंजीनियरिंग, सीए, सीएस सहित विभिन्न पृष्ठभूमि से आए हैं और विभिन्न ज्ञान, ताकत लेकर आए हैं। यहां प्रतिस्पर्धा अहम नहीं है, बल्कि, सहयोग की भावना विकसित करना और नेतृत्व क्षमता के लिए जरूरी गुर सीखना महत्वपूर्ण है। इसके लिए आपको एक-दूसरे से सीखने की जरूरत है। अकादमिक और गैर अकादमिक गतिविधियों के बीच समय को संतुलित करने की कला भी सीखें।संस्थान के प्रोग्राम डीन प्रो.दिप्तेश घोष, पीजीपी चेयरपर्सन प्रो.अंकुर सिन्हा, पीजीपी-एफएबीएम चेयरपर्सन प्रो.रंजन घोष ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

पीजीपी में तीन सालों में छात्राओं की संख्या

60वां बैच-408 विद्यार्थी: 23 फीसदी छात्राएं

61वां बैच-404 विद्यार्थी: 25 फीसदी छात्राएं

62वां बैच-414 विद्यार्थी: 30 फीसदी छात्राएं

पीजीपी-एफएबीएम में 3 सालों में छात्राएं

24वां बैच-47 विद्यार्थी: 42 फीसदी छात्राएं

25वां बैच-47 विद्यार्थी: 36 फीसदी छात्राएं

26वां बैच-46 विद्यार्थी:45.65 फीसदी छात्राएं