भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी, वडोदरा ‘हाइपरलूप ट्रांसपोर्ट सिस्टम-एक भारतीय परिप्रेक्ष्य’ विषय पर शिखर सम्मेलन
वडोदरा. भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी, वडोदरा में ‘हाइपरलूप ट्रांसपोर्ट सिस्टम-एक भारतीय परिप्रेक्ष्य’ विषय पर शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया।
हाइपरलूप प्रौद्योगिकी पर भारत में पहली बार भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी, वडोदरा की ओर से आयोजित शिखर सम्मेलन में आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर डॉ. एस.आर. चक्रवर्ती ने मुख्य भाषण दिया। उन्होंने हाइपरलूप प्रौद्योगिकी का समग्र परिचय दिया और इसके विभिन्न तकनीकी पहलुओं की जानकारी भी दी।
सम्मेलन का उद्घाटन द्घाटन महानिदेशक चंद्रलेखा मुखर्जी ने किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सम्मेलन में शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और उद्योग प्रैक्टिशनरों के लिए एक प्रभावी मंच मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस सम्म्मेलन से भारत में स्वदेशी हाइपरलूप परिवहन प्रणालियों के विकास एवं प्रसार को विकसित करने के लिए ज्ञान, अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक सुदीप श्रीवास्तव ने हाइपरलूप प्रौद्योगिकी पर भारतीय रेल की ओर से की गई प्रमुख पहलों की जानकारी दी। सम्मेलन के दौरान आईआईटी मद्रास से आविष्कार हाइपरलूप, एमआईटी-डब्ल्यूपीयू पुणे से वेगापॉड हाइपरलूप, आईआईटी दिल्ली से इन्फिनिटी हाइपरलूप, ठाकुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी मुंबई से निर्माण हाइपरलूप, बी.आई.टी.एस. पिलानी के हैदराबाद परिसर से हाइपरलूप इंडिया और भारतीय हाइपरलूप समिति पुणे के छात्रों की विभिन्न छात्र अनुसंधान टीमों ने अपने शोध कार्य प्रस्तुत किए। इनके क्विनट्रांस हाइपरलूप पुणे से प्रणय लुनिया, मैसर्स टीयूटीआर हाइपरलूप चेन्नई से आर. बालाजी और बी.आई.ए.एल. बेंंगलुरु से प्रमोद राव ने भी भारतीय हाइपरलूप उद्योग की आकांक्षाओं पर विचार प्रस्तुत रखे।
हाइपरलूप का भविष्य उज्ज्वल और आशाजनक : पंकज
मैकेनिकल इंजीनियरिंग संकाय के प्रमुख संजय कुमार पंकज ने कहा कि हाइपरलूप का भविष्य उज्ज्वल और आशाजनक है। उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और उद्योग प्रैक्टिशनरों की ओर से किए जा रहे महत्वपूर्ण कार्य निश्चित तौर पर भारत में स्वदेशी रूप से विकसित हाइपरलूप परिवहन में तेजी लाएंगे। शिखर सम्मेलन में भारतीय रेल के अधिकारियों और भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी, वडोदरा के संकाय सदस्यों ने भी हिस्सा लिया।