
राजकोट. मस्तिष्क की सूजन वाली रक्त-नली से पीडि़त महिला का अत्याधुनिक एंडोवास्क्युलर विधि से उपचार किया गया।
शहर के एक अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ. गौरांग वाघाणी ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मस्तिष्क की रक्त नली में सूजन की संभावना प्रति 1 लाख में लगभग 6-10 लोगों में पाई जाती है। भारत में हर वर्ष इसके लगभग दो लाख नए मामले सामने आते हैं। यह बीमारी महिलाओं में अधिक देखी जाती है।
ऐसा ही एक मामला मोरबी निवासी पूजा जोशी का सामने आया। चानक तेज सिरदर्द, उल्टी और शरीर में कमजोरी के साथ अचेत अवस्था होने पर पहले मोरबी में उनका प्राथमिक उपचार कराया गया। जांच तथा इलाज के लिए राजकोट के निजी अस्पताल में लाया गया।
इमरजेंसी विभाग में न्यूरोसर्जन डॉ. गौरांग वाघाणी तथा डॉ. मयंक वेकरिया की टीम ने एंजियोग्राफी से उनका निदान किया और उपचार के विकल्प विस्तृत रूप में परिजनोंं को समझाए। परिजनों ने आधुनिक एंडोवास्क्युलर विधि से उपचार की सहमति दी। इसमें बिना सिर की हड्डी खोले, बिना ओपन ऑपरेशन किए तार के माध्यम से कॉइलिंग से उपचार किया जाता है।
न्यूरोसर्जरी टीम ने कैथलैब में महिला की जांघ के पास की रक्त-नली से कॉइल (स्प्रिंग) को प्रवेश कराकर मस्तिष्क की सूजी हुई रक्त-नली में स्थापित कर उपचार किया। मरीज को अस्पताल के आइसीयू में गहन उपचार देकर स्थिति में निरंतर सुधार होने पर अंततः अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
Published on:
14 Dec 2025 10:37 pm
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