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शक्ति के साथ संयम रखना आवश्यक : आचार्य महाश्रमण

तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम का राष्ट्रीय प्रशासनिक ऑफिसर्स सम्मेलन गांधीनगर. जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण के सानिध्य में शनिवार को तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम की ओर से छठे राष्ट्रीय प्रशासनिकऑफिसर्स सम्मेलन का आयोजन हुआ। प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले इस दो दिवसीय सम्मेलन में देशभर के प्रशासनिक अधिकारी हिस्सा लेने पहुंचे।कोबा स्थित प्रेक्षा विश्व भारती में […]

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तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम का राष्ट्रीय प्रशासनिक ऑफिसर्स सम्मेलन

गांधीनगर. जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण के सानिध्य में शनिवार को तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम की ओर से छठे राष्ट्रीय प्रशासनिक
ऑफिसर्स सम्मेलन का आयोजन हुआ। प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले इस दो दिवसीय सम्मेलन में देशभर के प्रशासनिक अधिकारी हिस्सा लेने पहुंचे।
कोबा स्थित प्रेक्षा विश्व भारती में चातुर्मास के दौरान शनिवार को प्रवचन में आचार्य ने कहा कि जहां सम्यकत्व होता है, वहां ज्ञान होता है और जहां ज्ञान होता है वहां सम्यकत्व होता है। सम्यकत्व का बोध ज्ञान और मिथ्यात्वी का ज्ञान अज्ञान है। हर साधक को ज्ञान व संयम का विकास करते रहना चाहिए। ज्ञान और चारित्र का विकास ही मोक्ष प्राप्ति का साधन है।
आचार्य ने कहा कि किसी के पास ज्यादा शक्ति हो, पैसे हो, बड़ा पद या ज्ञान हो। उनका उपयोग अच्छे कार्यों में होना चाहिए। शक्ति के साथ संयम रखना आवश्यक है। जिस कार में लाइट व ब्रेक नहीं हो तो वह कभी भी दुर्घटना ग्रस्त हो सकती है। हमारे जीवन में भी ज्ञान की लाइट व संयम का ब्रेक होना चाहिए।

प्रशासन में सेवा के साथ शुद्धता हो

प्रशासनिक अधिकारियों को प्रेरणा प्रदान करते हुए आचार्य ने कहा प्रशासन के क्षेत्र में सेवा में कैसे शुद्धता रहे यह आवश्यक है। प्रशासन में आना हर किसी के लिए सरल नहीं होता। कार्य में इमानदारी, नैतिकता के प्रति जागरूकता रहे। कई बार ऐसा अवसर भी हो सकता है, जब बेइमानी से धन कमाया जा सकता है, किन्तु ऐसे में भी अपनी ईमानदारी को ना छोड़ें। प्रशासन में नैतिकता के रास्ते पर चलें। लौकिक के साथ साथ लोकोत्तर, व्यक्तिगत धर्म भी जीवन में रहे। लौकिक सेवा की अपनी उपयोगिता है, धर्म व्यक्ति का अपना होता है। आत्मा का जो भला करे वह कार्य शुद्ध धर्म है।

आइपीएस अधिकारी बोथरा को प्रज्ञा पुरस्कार

कार्यक्रम में जैन विश्व भारती की ओर से आइपीएस अधिकारी अरुण बोथरा को प्रज्ञा पुरस्कार प्रदान किया गया। जैन विश्व भारती के अध्यक्ष अमरचंद लुंकड, आइपीएस अधिकारी अरुण बोथरा आदि ने भी विचार व्यक्त किए।