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Lockdown: गारमेन्ट उद्योग गुजर रहा है संकट से

Lockdown, Garment industries, Factries, offices, crisis, Ahmedabad news,: संक्रमित इलाकों को छोड़ मिले फैक्ट्रियां खोलने की मंजूरी

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Lockdown: गारमेन्ट उद्योग गुजर रहा है संकट से

Lockdown: गारमेन्ट उद्योग गुजर रहा है संकट से

गांधीनगर. कोरोना संकट (Corona) में लॉकडाउन (Lockdown) के चलते दो माह तक गारमेन्ट उद्योग (Garment industries) बंद हालत है। जहां कामगार (Workers) गांव चले हैं तो फैक्ट्रियों में कच्चा माल पड़ा है। गारमेन्ट उद्योग भारी नुकसान झेल रहा है। ऐसे इलाके जो संक्रमित प्रभावित इलाकों से बाहर हैं वहां फैक्ट्रियों और शोरूम खोलने की मजूरी मिलनी चाहिए। साथ ही गारमेन्ट उद्यमियों को राहत देने की भी मांग की है। गुजरात गारमेन्ट मैन्युफेक्चरिंग एसोसिएशन ने इस मुद्दे की मांग को लेकर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को पत्र के जरिए अवगत भी कराया है।
गारमेन्ट एसोसिएशन के चेयरमैन आर्बिट्रेशन और मानद सचिव अर्पण शाह ने कहा कि गारमेन्ट उद्योग की फैक्ट्रियां और शोरूम अहमदाबाद के अलग-अलग 12 वॉर्ड में हैं। लॉकडाउन के चलते पिछले दो माह से गारमेन्ट उद्योग की सभी फैक्ट्रियां बंद हालत में हैं। गर्मी के सीजन में जहां गारमेन्ट उद्योग को खासा नुकसान हुआ है वहीं सैंड़कों कामगारों की रोजगार पर सवालिया निशान है। उन्होंने कहा कि अब धीरे-धीरे देश के अलग-अलग राज्यों और शहरों में सभी उद्योगों को जिस तरीके से सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार खोला जा रहा वैसे ही अब गारमेन्ट उद्योग के शोरूम और फैक्ट्रियों को भी शुरू करने की अनुमति देनी चाहिए। वहीं पिछले दो माह से कच्चा और तैयार माल पड़ा है उसका निपटारा कर कुछ हालत में सुधार किया जा सके।
ये मिले राहत
उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों में एमएसएमई (MSME) उद्योग में बिजली चार्ज में राहत मिलनी चाहिए। शहर इलाकों में कमर्शियल प्रोपर्टी (commercial property) नहीं वसूला जाए। वहीं एमएसएमई उद्योग के सभी सम्पत्ति करों को रिहायशी इलाकों की तुलना में 25 फीसदी तक दो वर्षों के लिए राहत मिले। प्रोफेशनल टैक्स को हटाना चाहिए।

जरूरतमंदों का मददगार बना

एसोसिएशन लॉकडाउन-1 में जरूरतमंदों के लिए मददगार भी बना। जहां 2500 परिवारों को राशन किट वितरित की गईं। वहीं शहर के अलग-अलग इलाकों में पुलिसकर्मियों को मास्क, सेनेटाइजर और हाथ के मौजे वितरित किए गए। वहीं गारमेन्ट उद्योग के कई व्यापारियों ने पीपीई किट और मास्क बनाना शुरू किया है।

संभलने में लगेगा समय

उन्होंने कहा कि गारमेन्ट उद्योग को संभलने में आठ से नौ माह तक का समय लगेगा। अहमदाबाद में गारमेन्ट कारोबार से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर पांच लाख जुड़े हुए हैं। लॉकडाउन के चलते कई कामगार गांव चले गए हैं। फिलहाल उनको लौटने में भी समय लग सकता है। इसके चलते गारमेन्ट उद्योग में शादी और गर्मी के सीजन की डिमांड नहीं होगी।