
PM Gujarat visit: मोदी ने शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती से मिल लिया आशीर्वाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दो दिवसीय दौरे पर गुजरात पहुंचे। इस दौरान उन्होंने द्वारका के मठ में शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज से मुलाकात की और आशीर्वाद लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती के साथ अकेले 20 मिनट बिताए।
इस मुलाकात पर पीएम ने स्वामी जी को याद करते हुए उनके साथ सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीर भी साझा की। साथ ही उन्होंने लिखा:- “द्वारका में स्वामी श्री सदानंद सरस्वती जी महाराज श्री से मिलना अद्भुत रहा। लोगों में आध्यात्मिक जागृति को आगे बढ़ाने के उनके प्रयासों पर हम सभी को गर्व है। हमने आदि शंकराचार्य जी की महानता को भी याद किया, जिनके आदर्श आज भी प्रेरणा देते हैं।
प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर के दर्शन किए
इससे पहले आज, पीएम मोदी ने रविवार सुबह गुजरात के प्रसिद्ध भगवान कृष्ण के द्वारकाधीश मंदिर में पूजा-अर्चना भी की।
(गुजरात में गोमती नदी और अरब सागर के मुहाने पर स्थित, राजसी द्वारकाधीश मंदिर वैष्णवों, विशेष रूप से भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थल है, द्वारकाधीश मंदिर चार धामों में से एक है। मंदिर के मुख्य देवता भगवान कृष्ण हैं, जिन्हें द्वारकाधीश या द्वारका का राजा कहा जाता है।)
मंदिर के पुजारियों ने पीएम को भगवान कृष्ण की एक मूर्ति उपहार में दी।
समुद्र के गहरे पानी में आस्था की डुबकी लगाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi went underwater) ने रविवार को गुजरात के द्वारका में समुद्र के गहरे पानी में डुबकी लगाई। गुजरात के पंचकुई समुद्र तट पर स्कूबा डाइविंग का आनंद लिया। पानी के अंदर पीएम मोदी ने उस स्थान पर जाकर प्रार्थना की, जहां जलमग्न द्वारका शहर मौजूद है।
पीएम मोदी ने मोर के पंख को साथ लेकर स्कूबा डाइविंग की। वहीं उन्होंने श्रीकृष्ण को मोर पंख अर्पित किया।
इस धार्मिक डुबकी के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट में अपने अनुभव को देशवासियों से साझा किया।
वे बोले कि “पानी में डूबी द्वारका नगरी में प्रार्थना करना बहुत ही दिव्य अनुभव था। मुझे आध्यात्मिक भव्यता और शाश्वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ। भगवान श्री कृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह कई वर्षों से समुद्र में जाने और प्राचीन द्वारका शहर के जो कुछ भी अवशेष हैं, उन्हें छूने और श्रद्धांजलि अर्पित करने को लेकर बहुत उत्सुक थे।
सुदर्शन सेतु का भी लोकार्पण किया
पीएम ने ओखा की मुख्य भूमि और बेट द्वारका को जोड़ने वाले लगभग 2.32 किमी लंबे देश के सबसे लंबे केबल-आधारित पुल सुदर्शन सेतु का उद्घाटन भी किया।
पहले 'सिग्नेचर ब्रिज' के नाम से जाने जाने वाले इस पुल का नाम बदलकर 'सुदर्शन सेतु' या सुदर्शन ब्रिज कर दिया गया । 979 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित पुल में चार लेन सड़क है। जिसकी चौड़ाई 27.20 मीटर है, जिसके दोनों ओर 2.50 मीटर चौड़े फुटपाथ हैं।
Published on:
26 Feb 2024 06:16 pm
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