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डिजिटल अरेस्ट कर 4 करोड़ ठगने वाले गिरोह का एक सदस्य गिरफ्तार

स्टेट साइबर क्राइम सेल ने मुंबई में दबिश देकर पकड़ा, कंबोडिया के गिरोह से संपर्क

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Cyber crime arrested accused

डिजिटल अरेस्ट कर 4 करोड़ रुपए ठगने वाले एक गिरोह के सदस्य को गुजरात सीआईडी क्राइम के तहत कार्यरत स्टेट साइबर क्राइम सेल की टीम ने धर दबोचा है। मुंबई पुलिस की मदद से मुंबई में दबिश देकर आरोपी को पकड़ा है। स्टेट साइबर क्राइम सेल के पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र शर्मा ने बताया कि पकड़े गए आरोपी का नाम चेतन कोकरे (26) है। यह मुंबई के कोलाबा इलाके में रहता है।

जांच में आरोपी के बारे में पुष्टि होने पर उसे मुंबई पुलिस की मदद से धर दबोचा है। जांच में सामने आया कि आरोपी चाइनीज व कंबोडियन गिरोह से जुड़ा है। इसके पास से कंबोडिया और बहरीन के वीजा की प्रतिलिपि, दो मोबाइल फोन, पांच एटीएम कार्ड, दो क्रेडिट कार्ड और चार चेकबुक बरामद हुई हैं।डिजिटल अरेस्ट कर ठगने वाले गिरोह का चेतन भारत में सदस्य है। इसकी लिप्तता सामने आने पर इसे पकड़ लिया है। इस मामले में कुछ और आरोपियों को भी चिन्हित कर लिया है। उनकी भी जल्द ही गिरफ्तारी होगी।

कूरियर में ड्रग्स मिलने की बात कहकर डराया

पुलिस अधीक्षक शर्मा ने बताया कि शिकायतकर्ता अहमदाबाद निवासी एक चिकित्सक हैं। आरोपी ने खुद को फेडेक्स कूरियर कंपनी का कर्मचारी बताते हुए चिकित्सक से बातचीत की। चिकित्सक से कहा कि उन्होंने जो पार्सल बुक कराया है, उसे डिटेन किया है। उसमें से पांच पासपोर्ड, दो क्रेडिटकार्ड, एक लैपटॉप और 750 ग्राम एमडी ड्रग्स बरामद हुई है। इस मामले में अब पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट लेना पड़ेगा।

मुंबई क्राइम ब्रांच डीसीपी बन धमकाया

आरोपियों ने इसके बाद चिकित्सक के कॉल को साइबर क्राइम ब्रांच मुंबई के साथ जोड़ा और जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को पुलिसकर्मी आनंद राणा बताते हुए बातचीत की। फिर एक अन्य व्यक्ति ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच डीसीपी मिलिंद बारंमदे बताते हुए चिकित्सक को फर्जी मामले में फंसाने का डर बताते हुए स्काइप एप्लीकेशन के जरिए वीडियो कॉल से संपर्क किया।

पहली बार कॉल करने वाले को पकड़ा

साइबर सेल के अनुसार पहली बार पुलिस को डिजिटल अरेस्ट के मामले में कॉल करने वाले व्यक्ति को पकड़ने में सफलता मिली है। आरोपी चेतन कुछ महीनों पहले कंबोडिया भी गया था। जहां वह चीन और कंबोडिया के डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाले गिरोह के संपर्क में आया था। इसने एमबीए किया है। इसके पास से कंबोडिया का वीजा भी मिला है। चेतन ने ही चिकित्सक को कूरियर कंपनी कर्मचारी बनकर फोन किया था। इसने गिरोह से जुड़ने के बाद पांच महीनों में 10 लाख कमाए हैं। इसके मोबाइल से काफी अहम सबूत मिले हैं, जिससे पता चला कि करीब 50 लोग कंबोडिया से यह रैकेट चला रहे हैं। उसमें भारत, नेपाल, पाकिस्तान के कई लोग शामिल हैं।

10 दिन डिजिटल अरेस्ट कर रखा

आरोपियों ने चिकित्सक को एक दो दिन नहीं बल्कि स्काइप एप्लीकेशन के जरिए वीडियो कॉल से संपर्क करके 10 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर रखने की बात सामने आई है। इस दौरान आरोपियों ने शिकायतकर्ता के पास से 3.99 करोड़ रुपए ऐंठ लिए।