
पानीपत रिफाइनरी:: 2 जी इथेनॉल संयंत्र से देश को होंगे कई फायदे
हरियाणा स्थित पानीपत रिफाइनरी के 2 जी इथेनॉल संयंत्र से देश को कई फायदे होंगे। इथेनॉल उत्पादन के लक्ष्य के साथ स्थापित यह संयंत्र एशिया की पहली रिफाइनरी है।
फिलहाल पेट्रोल में 10 फीसदी हिस्सा इथेनॉल का होता है। भारत इथेनॉल का आयात करता है जिस पर बहुत ज्यादा पैसे खर्च होते हैं। भारत सरकार की वर्ष 2025 तक पेट्रोल में इथेनॉल की मात्रा 20 फीसदी तक बढ़ाने की योजना है। इथेनॉल के घरेलू उत्पादन से कच्चे तेल के आयात को लेकर 20 फीसदी इथेनॉल आयात करने का पैसा बचाया जा सकेगा। हालांकि इस तरह के कई इथेनॉल संयंत्र स्थापित किए जाने की जरूरत होगी। इससे आत्मनिर्भर भारत अभियान को और ज्यादा प्रोत्साहन मिलेगा।
पानीपत रिफाइनरी के हेड एम एल धारिया ने बताया कि 2 जी इथेनॉल संयंत्र की इथेनॉल की वाॢषक उत्पादन क्षमता 3 करोड़ लीटर की है। इसके लिए 2 लाख मीट्रिक टन चावल के भूसे की जरूरत होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस संयंत्र का उद्घाटन किया था।
चावल के भूसे का उपयोग
इथेनॉल का उत्पादन के लक्ष्य के साथ स्थापित यह रिफाइनरी एशिया की पहली रिफाइनरी है। 2 जी इथेनॉल संयंत्र में इथेनॉल के उत्पादन के लिए चावल के भूसे का उपयोग किया जा रहा है। आस-पास के करीब 89 हजार किसानों ेसे यह भूसा लिया जाता है। यह वही पराली है जिसे दिल्ली और आस-पास के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण का कारण माना जाता रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण, किसानों की बढ़ेगी आय
खेत में पड़ी इस पराली का अब इस संयंत्र में उपयोग किया जा रहा है। फिलहाल पानीपत और इसके आसपास के गांवों के किसानों से चावल का यह भूसा लिया जा रहा है। इसके चलते प्रदूषण नियंत्रित हो सकेगा वहीं किसानों की आय भी हो सकेगी। इस संयंत्र के चलते रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं।
इस संयंत्र में मुख्य तौर पर बायो मास प्रिप्रेशन सेक्शन, मुख्य प्रोसेसिंग प्लांट, इंजायमेटिक हाइड्रोलिसिस, को फरमेंटेशन, डिस्टिेलशन, रेक्टिफायर कम एक्झॉस्ट कॉलम, डिगैसिफाइंग कॉलम, स्पिलिट एनालाइजर कॉलम, रेसिड्यू हैंडलिंग सेक्शन और इवेपोरटर्स शामिल हैं।
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Published on:
24 Oct 2022 02:57 pm
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