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Gujarat: अब गुजरात में बनेंगे भारतीय वायुसेना के लिए परिवहन विमान, वडोदरा में संयंत्र की आधारशिला रखेंगे मोदी

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Gujarat: अब गुजरात में बनेंगे भारतीय वायुसेना के लिए परिवहन विमान, वडोदरा में संयंत्र की आधारशिला रखेंगे प्रधानमंत्री मोदी,Gujarat: अब गुजरात में बनेंगे भारतीय वायुसेना के लिए परिवहन विमान, वडोदरा में संयंत्र की आधारशिला रखेंगे प्रधानमंत्री मोदी

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अब भारत भी भारतीय वायु सेना के लिए परिवहन विमान (ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट) बनाएगा। 'मेक इन इंडिया' और घरेलू विमानन निर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को वडोदरा में भारतीय वायु सेना के लिए एक परिवहन विमान निर्माण परियोजना की आधारशिला रखेंगे। इस समारोह में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी शामिल होंगे।
यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें एक निजी कंपनी की ओर से भारत में एक सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा। परियोजना की कुल लागत 21,935 करोड़ रुपए है। विमान का इस्तेमाल नागरिक उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है। यह घरेलू विमानन निर्माण में वृद्धि करेगा जिससे आयात पर निर्भरता कम होगी और निर्यात में अपेक्षित वृद्धि होगी।
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट समिति ने गत वर्ष एयरबस डिफेंस एंड स्पेस एस.ए. स्पेन से 56 सी-295 एमडब्ल्यू परिवहन विमान की खरीद को मंजूरी दी थी। गत वर्ष 24 सितंबर को रक्षा मंत्रालय ने संबंधित उपकरणों के साथ विमान के अधिग्रहण के लिए एयरबस डिफेंस एंड स्पेस एसए के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।
रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने बताया कि अनुबंध के हिस्से के रूप में 16 विमान उड़ान भरने की स्थिति में दिए जाएंगे और 40 का निर्माण भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) के नेतृत्व में टीएएसएल और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) की भारतीय विमान के ठेकेदार कंपनी टाटा कंसोर्टियम की ओर से किया जाएगा।

पहला मेड इन इंडिया विमान सितम्बर 2026 तक

पहले 16 फ्लाई-अवे विमान सितंबर 2023 और अगस्त 2025 के बीच प्राप्त होने वाले हैं। पहला मेड इन इंडिया विमान सितंबर 2026 से प्राप्त होने की उम्मीद है। सी-295 एम डब्ल्यू समकालीन तकनीक के साथ 5-10 टन क्षमता का एक परिवहन विमान है, जो भारतीय वायु सेना के पुराने एवरो विमान की जगह लेगा। इसमें त्वरित प्रतिक्रिया और सैनिकों और कार्गो के पैरा ड्रॉपिंग के लिए एक रियर रैंप दरवाजा भी है। आधी तैयार की गई सतहों से भी टेक-ऑफ व लैंड इसकी विशेषता है। विमान भारतीय वायुसेना की रसद क्षमताओं को मजबूत करेगा।
यह परियोजना भारतीय निजी क्षेत्र को प्रौद्योगिकी गहन और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी विमानन उद्योग में प्रवेश करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है।
स्पेन में अपनी विनिर्माण सुविधा में एयरबस की ओर से नियोजित प्रति विमान कुल मानव घंटे के काम का 96त्न भारत में टाटा कंसोर्टियम की ओर से किया जाएगा। टूल, जिग्स और टेस्टर के साथ 13,400 से अधिक डिटेल पार्ट, 4,600 सब-असेंबली और सभी सात मेजर कंपोनेंट असेंबलियों का निर्माण भारत में किया जाएगा। इसके अलावा विमान की विभिन्न प्रणालिया जैसे इंजन, लैंडिंग गियर, एवियोनिक्स, ईडब्ल्यू सूट आदि एयरबस डिफेंस एंड स्पेस की ओर से तैयार कर दी जाएगी और टाटा कंसोर्टियम की ओर से विमान में समावेश की जाएगी। टाटा कंसोर्टियम की ओर से विमान का एक एकीकृत प्रणाली के रूप में परीक्षण किया जाएगा। विमान का उड़ान परीक्षण किया जाएगा और टाटा कंसोर्टियम सुविधा में एक वितरण केंद्र के माध्यम से वितरित किया जाएगा।
सभी 56 विमान भारतीय के रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम - भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड के स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस होंगे। भारतीय वायुसेना को 56 विमानों की डिलीवरी पूरी होने के बाद एयरबस डिफेंस एंड स्पेस को भारत में निर्मित इन विमानों को सिविल ऑपरेटरों को बेचने और उन देशों को निर्यात करने की अनुमति भी दी जाएगी, जिन्हें भारत सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है।
टाटा कंसोर्टियम ने सात राज्यों में फैले 125 से अधिक इन-कंट्री एमएसएमई आपूर्तिकर्ताओं की पहचान की है। यह देश के एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र में रोजगार सृजन में उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा। उम्मीद है कि इसके जरिए 600 उच्च कुशल रोजगार सीधे, 3,000 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार और 3,000 अतिरिक्त मध्यम कौशल रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसमें भारत के एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में कम से कम 42.5 लाख से अधिक मानव घंटे काम होगा। लगभग 240 इंजीनियरों को स्पेन में एयरबस सुविधा में प्रशिक्षित किया जाएगा।