
राजकोट : अल्पेश कथीरिया की रिहाई की मांग के साथ निकाली रैली
राजकोट. पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के संयोजक अल्पेश कथीरिया की जेल से रिहाई की मांग के लिए बुधवार को राजकोट पाटीदार समाज की ओर से रैली निकाली गई है। बड़ी संख्या में एकत्रित हुए पाटीदार समाज के लोग व अग्रणी कलक्टर कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन देकर कथीरिया की रिहाई की मांग की गई। रैली के बाद आयोजित बैठक में चर्चा की गई।
राजकोट पास संयोजकों की ओर से बहुमाली भवन सरदार वल्लभभाई की प्रतिमा के निकट निकाली रैली कलक्टर कार्यालय पहुंची, जहां पुलिस कीओर से कड़ा बंदोबस्त तैनात किया गया। पास के ५ अग्रणियों को भी ही कलक्टर को ज्ञापन देने के लिए अंदर घुसने दिया।
ज्ञापन में आरोप लगाया है कि पिछले लम्बे समय से पास संयोजक अल्पेश कथीरिया के विरुद्ध राज्य सरकार ने गलत तरीका से राजद्रोह का मामला चलाकर जेल में बंद कर रखा है। ऐसे में कथीरिया को शीघ्र रिहा करने की मांग की गई है। साथ ही लिखा है कि पास की मांग स्वीकार नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
कथीरिया को जेल से छुड़ाने के लिए रणनीति :
कथीरियों को जेल से मुक्त कराने की मांग के साथ राजकोट पाटीदार समाज मैदान में उतरा है। रैली के बाद खोडमधाम संस्था सरदार भवन में बैठक आयोजित की गई, जिसमें पास संयोजक हार्दिक पटेल, दिनेश बांभणिया, समाज के अग्रणी, खोड़लधाम ट्रस्ट के चैयरमेन व अध्यक्ष नरेशभाई पेटल उपस्थित रहे।
पाटीदार नेताओं का कहना है कि कथीरिया अभी भी जेल में है। अल्पेश जेल से रिहा हो सके, इसके लिए क्या करना चाहिए, इस विषय पर चर्चा की गई। आगामी दिनों में ऊंझा में उमिया धाम संस्था में भी बैठक की जाएगी।
पाटीदार आरक्षण आंदोलन-गुजरात की ओर से सामाजिक अग्रणी व सभी आंदोलनकारियों को एक पत्र लिखा गया है, जिसमें लिखा है कि कथीरिया को जेल से रिहा कराने के लिए सभी को आगे आना चाहिए। अब कथीरिया की जेल मुक्ति के लिए मातृ संस्था उमियाधाम-ऊंझा व खोड़लधाम-कागवड (राजकोट) का भी सहयोग मिल रहा है। आंदोलन के मुख्य संयोजक के रूप में कथीरिया रहेंगे और जेल मुक्ति के बाद आंदोलन की आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
आंदोलन बंद नहीं हुआ : हार्दिक
बैठक के बाद मीडिया के साथ चर्चा करते हुए हार्दिक पटेल ने कहा कि जब तक केन्द्र सरकार की ओर से दिए गए १० फीसदी आरक्षण आंदोलन के मामले में सुप्रीम कोर्ट निर्णय नहीं देगा और सभी आंदोलनकारियों से केस वापस नहीं लिए जाएंगे, तब तक शांतिप्रिय रूप से आंदोलन चालू रहेगा। आरक्षण आंदोलन नरम हुआ है, लेकिन बंद नहीं हुई। आंदोलन के कारण ही गुजरात में पाटीदार समाज सहित गरीब समाज को एक हजार करोड़ रुपए की स्वावलंबन योजना, गैर आरक्षण आयोग व १० प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिला है, जिसे सभी जानते हैं।
Published on:
01 May 2019 10:58 pm
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