Ramsar Site, Jamnagar, Khijadiya, Gujarat
अहमदाबाद. गुजरात के जामनगर जिले के खिजडिय़ा पक्षी अभयारण्य को विश्व आर्द्रभूमि (वेटलैंड) दिवस पर नया रामसर स्थल (साइट) घोषित किया गया। इस तरह अब गुजरात में चार रामसर स्थल हो गए हैं। इससे पहले नल सरोवर, थोळ व वढ़वाणा को इस महत्वपूर्ण सूची में शामिल किया जा चुका है। हरियाणा के गुरुग्राम के सुल्तानपुर नेशनल पार्क में बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने गुजरात सरकार की रेजिडेंट कमिश्नर आरती कंवर को यह प्रमाणपत्र प्राप्त प्रदान किया। खिजडिय़ा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के बखीरा वन्य जीव अभ्यारण्य को भी रामसर साइट घोषित किया गया।
यहां 200 प्रजाति के पक्षी
जामनगर जिले में 6.05 किलोमीटर क्षेत्र में फैला खिजडिय़ा पक्षी अभयारण्य ताजे पानी की झीलों, नमक और मीठे पानी की दलदली भूमि के लिए जाना जाता है। शहर से दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस अभयारण्य में 200 प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं। ग्रेट क्रेस्टेड ग्रेबे (शिवहंस) का यह ब्रीडिंग स्थल है। देश की आज़ादी से पहले रुपारेल नदी पर एक चेकडैम बनाया गया था जहां समुद्र में जाने से पहले नदी के पानी का भंडारण होता था। बरसों बाद बारिश के ताजे पानी, एक तरफ नदी और दूसरी तरफ समुद्र के खारे पानी से इस अनोखे इकोसिस्टम का निर्माण हुआ। प्रख्यात भारतीय पक्षी विज्ञानी सलीम अली ने जब 1984 में अभयारण्य का दौरा किया तो उन्होंने यहां एक ही दिन में 104 प्रजातियों को देखने का दावा किया।
देश में अब 49 रामसर साइट
इसके साथ ही अब देश में 49 रामसर साइट हो चुके हैं। यह दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा हैं।
एसएसी का एटलस भी जारी
भारत की आर्द्रभूमि (भौतिक रूप से) पर अहमदाबाद के स्पेस एप्लिकेशन सेंटर (एसएसी) की ओर से एक एटलस भी जारी किया गया।
2 फरवरी को मनाया जाता है वेटलैंड डे
हर साल 2 फरवरी को दुनिया भर में मनाया जाता है। इसी दिन वर्ष 1971 में ईरान के शहर रामसर में कैस्पियन सागर के तट पर आर्द्रभूमि पर एक कन्वेंशन को अपनाया गया था। इसका उद्देश्य लोगों और पृथ्वी के लिए आर्द्रभूमि की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना है।
गुजरात के लिए बड़ी उपलब्धि
इस संबंध में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एपीसीसीएफ) डॉ ए पी सिंह ने बताया कि यह गुजरात के लिए काफी बड़ी उपलब्धि है। सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड के एमडी डॉ राजीव कुमार गुप्ता ने ट्वीट कर बताया कि खिजडिय़ा के साथ ही अब गुजरात में चार रामसर साइट हो गए हैं। राज्य सरकार ने संरक्षण के लिए लगातार खूब काम किया है जिसके परिणाम अब मिल रहे हैं।