
अहमदाबाद. वर्ष 1994 के बाद सेवानिवृत्त हजारों प्राथमिक शिक्षकों के लिए राहत का समाचार है। गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से इन सेवानिवृत्त प्राथमिक शिक्षकों को उच्चतम वेतनमान के लाभ देने को कहा है।
न्यायाधीश ए. एस. सुपेहिया ने इस मामले में राज्य सरकार से तीन महीने में यह रकम चुकाने के निर्देश दिए हैं। इस फैसले से सेवानिवृत्त शिक्षकों को वेतन व पेंशन की बकाया राशि भी मिलेगी।
वर्ष 2001 में सेवानिवृत्त कर्मचारी एसोएिशन के अंबाभाई चावड़ा व अन्य ने वर्ष 2001 में इस संबंध में याचिका दायर की थी। इस तरह इन सेवानिवृत्त शिक्षकों को 17 वर्ष की कानूनी प्रक्रिया के बाद अब राहत मिली है।
वकील आशिष आस्थावादी की ओर से मार्फत दायर याचिका में यह कहा गया था कि वर्ष 1994 के बाद सेवानिवृत्त हुए प्राथमिक शिक्षकों को 1640-2900 रुपए की जगह 2000-3500 तथा 2200 से 4000 रुपए के वेतनमान के तहत चुकाया जाना चाहिए। इसके तहत 20 वर्ष की नौकरी पूरी करने वाले शिक्षकोंं को 2000-3500 तथा 31 वर्ष की नौकरी पूरी करने वाले शिक्षकों को 2200-4000 का वेतनमान चुकाया जाना चाहिए। जिस तरह से इस वेतनमान में शिक्षा निरीक्षकों को वेतन दिया जाता है उसी प्रकार प्राथमिक शिक्षकों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए। उधर राज्य सरकार की दलील थी कि शिक्षा निरीक्षक व प्राथमिक शिक्षकों का संवर्ग अलग होने के कारण याचिकाकर्ता शिक्षकों को यह लाभ नहीं मिल सकता।
न्यायालय ने कहा कि शिक्षा निरीक्षकों व प्राथमिक शिक्षा के कैडर को अलग-अलग नहीं माना जा सकता। यदि वर्ष 1994 से पहले सेवानिवृत्त हुए प्राथमिक शिक्षकों को उच्चतम वेतनमान मिल सकता है तो वर्ष 1994 के बाद सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों को भी इस उच्चतम वेतनमान का लाभ मिलना चाहिए। इसलिए राज्य सरकार को इस मामले में प्राथमिक शिक्षकों के मामलों की जांच कर पहली अगस्त 1994 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले उच्चतम वेतनमान का लाभ देना चाहिए।
इस तरह उच्च न्यायालय ने सेवानिवृत्त प्राथमिक शिक्षकों को बड़ी राहत दी है।
Published on:
10 May 2018 11:19 pm
बड़ी खबरें
View Allअहमदाबाद
गुजरात
ट्रेंडिंग
