19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अहमदाबाद

आरएसएस का पर्यावरण, परिवार व्यवस्था व समरसता पर जोर

प्रयागराज में अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक

Google source verification

अहमदाबाद. भारत को एक बार फिर विश्व गुरु बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से पर्यावरण, परिवार व्यवस्था व सररसता पर विशेष तैयारी करने पर जोर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित हुई अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होकर लौटने के बाद यहां संवाददाता सम्मेलन में गुजरात प्रांत संघ चालक डॉ भरत पटेल ने कहा कि बैठक में समाज को प्लास्टिक मुक्त भारत, जल का समुचित उपयोग और वनों एवं वृक्षों के संरक्षण सहित पर्यावरण पर, परिवार को सुसंस्कृत और दृढ़ बनाने की तैयारी करने पर जोर दिया गया। समाज को जाति, पंथ, भाषा, पहनावे और आर्थिक स्तर से ऊपर उठकर सभी को समान मानने के मूल्य को स्थापित करने के लिए भारत के सभी लोगों को भारत माता की संतान मानने पर जोर दिया गया।

उन्होंने दावा किया कि धर्म परिवर्तन के कारण हिन्दुओं की संख्या घट रही है, कुछ सीमावर्ती इलाकों में घुसपैठ भी हो रही है। भारत का विभाजन भी जनसंख्या असंतुलन के कारण हुआ है। उन्होंने कहा कि 40-50 वर्षों से जनसंख्या नियंत्रण पर जोर देने के कारण प्रत्येक परिवार की औसत जनसंख्या 3.4 से घटकर 1.9 हो गई है। इसके चलते भारत में एक समय ऐसा आएगा, जब युवाओं की जनसंख्या कम हो जाएगी और वृद्ध लोगों की आबादी अधिक होगी जो यह चिंताजनक है। इसलिए बैठक में विचार मंथन किया गया कि इसे समग्र रूप से मानकर एक जनसंख्या नीति बनाने, देश को युवा देश बनाए रखने के लिए जनसंख्या को संतुलित रखना, जनसंख्या नियंत्रण सभी लोगों पर समान रूप से लागू होनी चाहिए।

मातृभाषा में शिक्षा

बैठक में कहा गया कि भाषा हमारी संस्कृति की शान है। देश में कई भाषाएं और बोलियां बोली जाती हैं जिनमें से कई भाषाएं, बोलियां या तो विलुप्त हो चुकी हैं या विलुप्त होने के कगार पर हैं। इसलिए यह जोर देना आवश्यक है कि शिक्षा मातृभाषा में दी जाए।

आत्मनिर्भर भारत अभियान

गुजरात के 33 जिलों में आत्मनिर्भर भारत अभियान का काम शुरू हो गया है। साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में रोजगार सृजन केंद्र शुरू किया गया है। लोक मेलों और अन्य स्थानों पर जहां बड़ी संख्या में स्टॉल लगाकर प्रचार कार्य भी शुरू किया गया है। विनिर्माण क्षेत्र, लोहा और मिश्र धातु क्षेत्र, डेटा सुरक्षा, खाद्य उद्योग और वस्त्र उद्योग में रोजगार बढ़ाने के लिए आने वाले वर्षों में काम करने की योजना है।

गुजरात में 1337 दैनिक शाखाएं

डॉ. पटेल व प्रांत प्रचार प्रमुख विजय ठाकर ने बताया कि कोरोनाकाल में शाखाएं बंद रहीं। हालांकि वर्तमान में गुजरात में 1337 दैनिक शाखाएं, 916 साप्ताहिक शाखा, 426 मासिक बैठक चलती है। संघ का प्रत्यक्ष कार्य कुल 1908 स्थानों पर चल रहा है। शाखाओं में आने वाले स्वयंसेवकों के लिए गणवेश अनिवार्य नहीं है, संघ के उत्सवों में ही पूर्ण गणवेश पहनकर शामिल होना स्वयंसेवकों के लिए अनिवार्य है। शाखाओं में जाति-धर्म-संप्रदाय के आधार पर स्वयंसेवकों की गिनती नहीं की जाती और भविष्य में इस प्रकार गिनती नहीं की जाएगी।