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अनूठी पहल: अब समंदर की सैर का लुत्फ उठाएंगे सैलानी, समुद्र सीमा दर्शन योजना का आगाज

राज्य के पर्यटन मंत्री मुलु बेरा ने ऑनलाइन किया उद्घाटन, कच्छ कोटेश्वर के लक्की नाला से हुई शुरुआत, पास के टापू घूमने का भी मिलेगा मौका

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अनूठी पहल: अब समंदर की सैर का लुत्फ उठाएंगे सैलानी, समुद्र सीमा दर्शन योजना का आगाज

अनूठी पहल: अब समंदर की सैर का लुत्फ उठाएंगे सैलानी, समुद्र सीमा दर्शन योजना का आगाज

गुजरात सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक और अनूठी पहल की है। गुजरात आने वाले देश-विदेश के सैलानी अब समंदर की सैर का भी लुत्फ उठा सकेंगे। उन्हें भारत-पाकिस्तान की समुद्री सीमा को देखने का मौका मिलेगा। इतना ही नहीं यहां पास में स्थित टापुओं की सुंदरता भी देखने को मिलेगी। इसके लिए गुजरात सरकार ने शुक्रवार को समुद्र सीमा दर्शन योजना का आगाज किया है। देश में यह पहल करने वाला गुजरात पहला राज्य है।

राज्य के पर्यटन मंत्री मुलु बेरा ने शुक्रवार को गांधीनगर से वर्चुअली इस योजना का उद्घाटन किया। इसके तहत कच्छ जिले के तीर्थ स्थल कोटेश्वर धाम के पास स्थित लक्की नाला से बोट के जरिए लोगों को समुद्र की सैर कराने वाली योजना की शुरुआत की गई।

अबडासा विधायक प्रद्युम्न सिंह जाड़ेजा और कच्छ कलक्टर अमित अरोडा ने मौके पर बोट को प्रस्थान कराया। यहां छह सीटर, 12 सीटर और 20 सीटर इन तीन श्रेणियों में बोट की सुविधा शुरू की जाएगी। यहां बोटिंग राइड का संचालन गुजरात मैरिटाइम बोर्ड की ओर से किया जाएगा। शुक्रवार से छह सीट की बोट से योजना की शुरुआत हुई।

पर्यटन मंत्री बेरा ने कहा कि गुजरात पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ थल सीमा और जल सीमा दोनों ही से जुड़ा है। पहले बनासकांठा जिले में नडाबेट पर भारत पाकिस्तान बॉर्डर पर सीमा दर्शन की शुरुआत कराई गई। अब देश में पहली बार कच्छ में सरक्रीक के समीप अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास समुद्र सीमा दर्शन की शुरुआत हुई है। इसमें गुजरात सरकार के पर्यटन विभाग के साथ, बीएसएफ, वन एवं पर्यावरण विभाग, गुजरात मैरीटाइम बोर्ड भी सहयोगी है।

टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित होंगे बॉर्डर

उन्होंने कहा कि समुद्र सीमा दर्शन से गुजरात में बॉर्डर अब टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में उभरेंगे। बनासकांठा जिले के नडाबेट के बाद कच्छ जिला इसका केन्द्र बनेगा। इसे इस रूप में विकसित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसकी योजना बनाई है। राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 के बजट में इसकी योजना की घोषणा की थी। उसके कुछ दिनों में ही इसे शुरू भी कर दिया है।

अभी तक प्रतिबंधित था लक्की नाला, अब लोगों के लिए खोला

पर्यटन मंत्री बेरा ने कहा कि अभी तक भारत-पाकिस्तान का समुद्री बॉर्डर होने के चलते लक्की नाला आम लोगों, सैलानियों के लिए प्रतिबंधित था। अब इस योजना के चलते इसे लोगों के लिए खोला गया है। लोग यहां आकर भारत-पाकिस्तान की सीमा के बारे में तो जानकारी पाएंगे ही, वे यहां सीमा की सुरक्षा करने वाले बीएसएफ जवानों, उनके कार्यों से भी अच्छे से परिचित हो सकेंगे।

भूंगा रिसोर्ट, मैंग्रूव वॉक, एडवेंटर पार्क बनेंगे

बेरा ने कहा कि यहां पर आने वाले सैलानियों को बेहतर अनुभव हो इसके लिए आगामी समय में कच्छ में इस स्थल पर फ्लोटिंग जेट्टी, वॉच टावर, मरीन इंटरप्रिटेशन सेंटर, फूड कियोस्क, इन्फोर्मेशन सेंटर, कन्वेंशन सेंटर, बीएसएफ इंटरेक्शन फेसिलिटी, भूंगा रिसोर्ट, एडवेंचर पार्क , नेचर ट्रेइल्स जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। पास के टापुओं पर मैंग्रूव वॉक की सुविधा विकसित की जाएगी। लोगों को टापूओं को घूमने का भी मौका मिलेगा।